Friday, July 6, 2012

विद्यालय की कमी बनी नारी शिक्षा में बाधक


सिकटी(अररिया) : सरकार की तमाम घोषणाओं के बावजूद प्रखंड क्षेत्र के पंचायतों में छात्राओं के लिए माध्यमिक शिक्षा प्राप्त करना गंभीर चुनौती बनी हुई है। गौरतलब है कि प्रखंड क्षेत्र के गांवों के आसपास उच्च विद्यालय नहीं होने से लड़कियां मिडिल स्कूल से आगे की शिक्षा पाने से वंचित रह जाती है तथा अपने भाग्य को कोसने के लिए विवश है।
प्रखंड क्षेत्र के गांवों से पाच-दस किलेामीटर की दूरी तय करके लड़कियां बरदाहा, सिकटी, कुर्साकांटा अथवा कुवाड़ी उच्च विद्यालय की शिक्षा प्राप्त करने जाते हैं, जबकि अभिभावक अपनी लड़कियों को इतनी दूर पढ़ने के लिए भेजने से कतराते हैं। जिस कारण सिकटी प्रखंड क्षेत्र के गांवों की लड़कियों को नवीं एवं दसवीं में ही मजबूरन पढ़ाई छोड़ देनी पड़ती है। पढ़ाई छुटने के बाद अभिभावक कम उम्र में ही उनकी शादी में जूट जाते हैं। इस तरह व्यवस्था के अभाव में लड़कियों को दोहरी मार झेलनी पड़ती है। क्षेत्र से उच्च शिक्षा प्राप्त करने की ललक रखने वाली कुछ लड़कियां अपनी जान हथेली पर रख कर अपनी लक्ष्य प्राप्ति के उद्देश्य से बरदाहा, सिकटी, कुआड़ी, कुर्साकांटा उच्च विद्यालय पढ़ने जाती है। कभी-कभी वाहन नही मिलने से पैदल चलकर वापस घर आना कितना कष्टप्रद होता है इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। इस कारण लड़कियां अपने साथ किसी अप्रिय घटना घटित होने के डर से सशंकित रहती है। ग्रामीणों द्वारा वर्षो से उच्च विद्यालय खोलने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं किन्तु उनकी मांगें पूरी नहीं हो रही है।

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