जोकीहाट(अररिया) : इंसान पैसे के लिए आज कुछ भी कर गुजरने को तैयार है। मानव मानव के जान को खतरे में डाल कर पैसे के बल पर काफी आगे निकल जाना चाहता है। सवाल है जब धरती पर इंसान ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो पैसे किस काम आयेगा। वाकया जोकीहाट का है जहां हरी सब्जी के नाम पर मीठी जहर बेची जाती है। आश्चर्य तो यह है कि ये सब्जी बिक्रेता अब इतने ढीठ हो गये हैं कि सरेआम हरे सब्जी परवल,करेला आदि में रंगों का प्रयोग करते हैं।
क्या कहते हैं डाक्टर?
डाक्टर सुदर्शन झा ने बताया कि सब्जी में हरे रंग के केमिकल से स्वास्थ्य पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है। हरे रंग केमिकल के प्रयोग से लीवर, गुर्दा, नर्वस सिस्टम, पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचता है। इस केमिकल के प्रयोग से पेट खराब, डायरिया होने का खतरा बना रहता है।
क्या कहते हैं बुद्धिजीवी व ग्रामीण?
बुद्धिजीवियों एवं ग्रामीणों का कहना है कि क्या सब्जी के नाम पर जहर बेचने वाले इन व्यवसायियों के लिए कोई सरकारी नियम नहीं है? तभी तो ये रवुलेआम चौक चौराहों पर सब्जी में बेखौफ रंगों का प्रयोग करते हैं। कुछ दिन पूर्व किशनगंज में पुलिस के हत्थे चढ़े सरसों तेल के मिलावटखोरों ने जोकीहाट को अपना सामान खपाने महत्वपूर्ण मंडी बताया था। मिलावट के नाम पर तरह तरह के गंदे व जानलेवा पदार्थ मिलाया जाता है। मिलावट से परेशान लोगों का कहना है कि चंद पैसों के लिए इंसान ही इंसान की जान लेने को आमदा है।
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