Friday, July 6, 2012

नूना के आगोश में समा रहे खेत



सिकटी (अररिया) : भले ही सरकार द्वारा बाढ़ व कटाव के नाम पर लाखों रुपया खर्च कर रही है, लेकिन अभी तक नदी के कटाव को रोकने के लिए कोई ठोस पहल नहीं किए जा रहा है। प्रखंड क्षेत्र के पूर्वी भाग में बहने वाली नूना नदी में पड़रिया पंचायत के घोड़ा चौक के नजदीक वित्तीय वर्ष 2009-10 में मनरेगा के तहत जिला परिषद योजना से योजना सं. 65 में 16, लाख 85 हजार, 800 की लागत से चिरान सह कटाव निरोधक कार्य होना था। इस योजना को उप विकास आयुक्त कार्यालय से स्वीकृति मिली थी। जिसमें दो लाख 26 हजार की निकासी भी हुई काम के नाम पर कटाव को रोकने के लिए बोरी में मिट्टी भरकर किया गया। लेकिन नदी के तेज धार ने उसे बहाकर लेते चला गया। इस संबंध में डीडीसी प्रभात कुमार महथा ने दूरभाष पर बताया कि इसकी विस्तृत जानकारी मनरेगा पीओ दे सकते हैं। यहां के ग्रामीण मो. सुरमान, मो. फरमान, मो. सर्फउद्दीन, मो. मोर्हरम, मो. असफाक आमल आदि दर्जनों ग्रामीण बताते हैं कि विगत कुछ वर्षो में नूना नदी ने अब तक हजारों एकड़ कृषि योग्य भूमि को अपने आगोश में समा लिया है जिसमें सैकड़ों परिवार गरीबी रेखा से नीचे आ गये हैं। लेकिन विभाग द्वारा बाढ़ व कटाव को रोकने के लिए कोई भी ठोस पहल नहीं किया गया। इस नदी से पड़रिया, दहगामा, कुचाहा, खोरागाछ पंचायत के सैकड़ों परिवार बरसात में दस्तक के साथ ही सशकित रहते हैं। नूना नदी का तांडव बदस्तूर जारी है।

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