Wednesday, July 4, 2012

बरसे न बदरा, नैनों से बरसे नीर


नरपतगंज (अररिया) : इंद्र भगवान की अब तक कृपा न होने से किसान पानी के लिए तरस रहा है। सूखे की आशंका से चिंतित किसानों ने अब पूजा पाठ भी शुरू कर दिया है। कोशी की आई बाढ़ विभीषिका में नहरों के द्वारा सिंचाई व्यवस्था अब तक पूरी तरह विफल है। बारिश न होने और सरकारी सिंचाई संसाधनों के धोखा देने से किसानों की धान की रोपाई अभी तक शुरू नही हो सकी है पिछले 5 वर्षो से मनरेगा के अंतर्गत करोड़ों खर्च की गई लेकिन बारिश न होने पर किसानों के पानी के समस्या के लिए कोई कदम नही उठाया गया। आज स्थिति यह है धान के बिचड़े सुख रहे हैं पंप सेटों का सहारा लेकर बिचड़ा बचाया जा रहा है।
किसान विष्णुदेव राय, राजेश राय, टूनटून राय, बबलू यादव, सुरेश कुमार, विष्णुदेव पंडित आदि ने बताया कि अब तक सही ढंग से वर्षा नही होने पर धान की रोपनी प्रारंभ नही हो पाई है। सरकार की कृषि के प्रति उदासीन रवैये से प्रखंड के प्राय: किसान प्रकृति पर ही निर्भर है।
वहीं कृषि पंडित विष्णुदेव राय का कहना है यहां के किसान काफी मेहनती है जो हरियाणा, पंजाब जाकर वहां के खेतों में सोना उगाते हैं। लेकिन खेतों में पानी नहीं तो कैसे होगी धान की रोपनी?

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