जोकीहाट(अररिया) : सरकार जनस्वास्थ्य सेवा के मामले में पानी की तरह पैसे खर्च कर रही है। इतना खर्च होने के बाद भी प्रखंड क्षेत्र में स्वास्थ सेवा व संस्था में कोई खास परिवर्तन नही दिखता है। खासकर उपस्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति अभी भी काफी दयनीय बनी है। करोड़ों की राशि खर्च कर दर्जनों उपस्वास्थ्य केंद्र बनाये गए लेकिन इन केन्द्रों पर न तो डाक्टर बैठते हैं और न ही एएनएम जाती है। आलम यह है कि कुछ ग्रामीण इन केंद्रों को अब अपना अपना घरेलू उपयोग में लाने लगे हैं। उपस्वास्थ केन्द्र चकई में ग्रामीणों ने बताया कि यहां वर्षो से कोई स्वास्थकर्मी नहीं आते। इसलिए ग्रामीण इसे रिजेक्टेड समझकर पुआल, मकई का डंठल आदि रखते हैं। ऐसा ही नजारा प्रखंड के अन्य पंचायतों में बने उपस्वास्थ्य केंद्रों की है। जहानपुर, काकन,कजलेटा ,चिरह, गैरकी, तारण,चौकता, कुर्सेल, महलगांव, चैनपुर मसुरिया आदि गांवों में बने उपस्वास्थ केंद्रों की स्थिति दयनीय बनी है। विभाग डाक्टर की कमी बताकर अपना पल्ला झाड़ लेता है। ग्रामीणों का कहना है कि एएनएम ही अगर इन केंद्रों पर लोगों का नियमित प्राथमिक उपचार करे तो इन सब सेंटरों को ग्रामीणों के प्रभाव से छुटकारा मिल सकता है। इस सिलसिले में पूछने पर रेफरल अस्पताल के स्वास्थ प्रबंधक औवेश अहमद ने बताया कि केन्द्रों पर ग्रामीणों का कब्जा है। भंसिया, चौकता आदि में केंद्रों को अतिक्रमण से मुक्त गया है।
Friday, July 6, 2012
चकई उपस्वास्थ केंद्र खोल रहा विभाग की पोल
जोकीहाट(अररिया) : सरकार जनस्वास्थ्य सेवा के मामले में पानी की तरह पैसे खर्च कर रही है। इतना खर्च होने के बाद भी प्रखंड क्षेत्र में स्वास्थ सेवा व संस्था में कोई खास परिवर्तन नही दिखता है। खासकर उपस्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति अभी भी काफी दयनीय बनी है। करोड़ों की राशि खर्च कर दर्जनों उपस्वास्थ्य केंद्र बनाये गए लेकिन इन केन्द्रों पर न तो डाक्टर बैठते हैं और न ही एएनएम जाती है। आलम यह है कि कुछ ग्रामीण इन केंद्रों को अब अपना अपना घरेलू उपयोग में लाने लगे हैं। उपस्वास्थ केन्द्र चकई में ग्रामीणों ने बताया कि यहां वर्षो से कोई स्वास्थकर्मी नहीं आते। इसलिए ग्रामीण इसे रिजेक्टेड समझकर पुआल, मकई का डंठल आदि रखते हैं। ऐसा ही नजारा प्रखंड के अन्य पंचायतों में बने उपस्वास्थ्य केंद्रों की है। जहानपुर, काकन,कजलेटा ,चिरह, गैरकी, तारण,चौकता, कुर्सेल, महलगांव, चैनपुर मसुरिया आदि गांवों में बने उपस्वास्थ केंद्रों की स्थिति दयनीय बनी है। विभाग डाक्टर की कमी बताकर अपना पल्ला झाड़ लेता है। ग्रामीणों का कहना है कि एएनएम ही अगर इन केंद्रों पर लोगों का नियमित प्राथमिक उपचार करे तो इन सब सेंटरों को ग्रामीणों के प्रभाव से छुटकारा मिल सकता है। इस सिलसिले में पूछने पर रेफरल अस्पताल के स्वास्थ प्रबंधक औवेश अहमद ने बताया कि केन्द्रों पर ग्रामीणों का कब्जा है। भंसिया, चौकता आदि में केंद्रों को अतिक्रमण से मुक्त गया है।
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