नरपतगंज (अररिया) : मनरेगा योजना के तहत संचालित वृक्षारोपण योजना विभागीय पदाधिकारियों की उदासीनता के कारण धरातल पर दम तोड़ चुकी है। हालांकि मनरेगा के इस योजना में लाखों रुपये पानी की तरह बहाया गया। प्रखंड मुख्यालय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम के तहत बोर्ड लगा हुआ है जिसमें प्राक्किलत राशि दो लाख से तीन लाख तक है अभिकर्ता स्वयं रोजगार सेवक हैं लेकिन वर्तमान में 10 प्रतिशत भी वृक्ष नही हैं। बताया जाता है जब तक उचित देख-रेख नहीं यह योजना धरातल पर नहीं उतर पायी।
दूसरी तरह वृक्षों के अवैध कटाई से प्रखंड क्षेत्र में दर्जनों अवैध आरा मिल है। पूर्व में नहरों व सड़कों के किनारे शीशम के वृक्ष लगभग समाप्त हो चुके हैं। भूकंप के लिए अति संवेदनशील माने जाने और हमेशा बाढ़ के खतरा से मंडराने वाले इस क्षेत्र के लिए वन की अहमियत विभाग नहीं दे रहा है। विगत माह एनएच 57 से सटे नरपतगंज बाजार के आस-पास लाखों के वृक्ष कटे। कटे वृक्ष के मोटे-मोटे टहनियां कहां गई चर्चा का विषय बना रहा। वही बिना एनओसी प्रमाण पत्र लिए वनकर्मियों द्वारा मध्य व उच्च विद्यालय के अंदर वृक्षों की कटाई कर ली गई। मध्य विद्यालय के वृक्षों को कर्मी उठा ले गये। वहीं उच्च विद्यालय के कटे वृक्ष को स्थानीय विधायक द्वारा रोक दिया गया। मामला उठा और दब भी गया।
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