अररिया : जिले में स्कूली बच्चों के प्यास बुझाने के नाम पर एमएसडीपी का पैसा बहा दिया गया। स्कूली बच्चों की प्यास तो नहीं बुझी लेकिन ठेकेदार की पौ बारह जरूर हो गयी। वित्तीय वर्ष 2010-11 में जिले के 373 स्कूलों में बच्चों को प्यूरीफाइड पानी पिलाने के लिए टेरा फिल्टर लगाने का आदेश निर्गत किया गया। यह कार्य एमएसडीपी योजना से कराया गया।
सूत्रों की मानें तो टेरा फिल्टर लगाने का काम विद्यालय शिक्षा समति को करना था, परंतु शिक्षा विभाग के एक तत्कालीन अधिकारी ने बात कर सभी विद्यालय में फिल्टर सामग्री आपूर्ति कराई। जाहिर सी बात है जिले से आपूर्ति के नाम पर कमीशन का भी पूरा खेल हुआ। घटिया कंपनी का पाइप, टंकी आदि लगाकर बिल पास तो करा लिया गया, लेकिन बच्चों को आज तक एक बूंद पानी नसीब नहीं हुई। डीएम एम. सरवणन के निर्देश पर डीईओ साहब जांच करवा रहे हैं, लेकिन जांच रिपोर्ट देखने से स्पष्ट होता है कि जांच कागज पर ही हुआ। एक भी बीईओ स्कूल जाकर टेरा फिल्टर का भौतिक सत्यापन नहीं किया। लेकिन सारे फिल्टर को संतोषप्रद करार जरूर दे दिया। 373 स्कूलों में 33 हजार की दर से फिल्टर लगाने के लिए दिया गया था। सारे टेरा फिल्टर 'टेढ़ा फिल्टर' साबित हो गए हैं।
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