अररिया : गरीब पप्पू इंजीनियरिंग, डाक्टरी की पढ़ाई करना चाहता है, पर बैंक की बेरूखी से त्रस्त है। पप्पू तो सिर्फ एक नाम है, जिले में कई ऐसे गरीब मेधावी छात्र-छात्रा हैं जो उच्च शिक्षा ग्रहण करना चाह रहे हैं, लेकिन मनी प्राब्लेम उनकी हिम्मत तोड़ देती है।
गरीब छात्रों को बैंक से एक आशा रहती है कि कुछ ऋण मिल जाए तो बात बन जायेगी। लेकिन बैंक शायद शिक्षा ऋण देने में कतराता है। इसी का नतीजा है कि जिले के बैंक पिछले दो-तीन वर्षो से निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध शिक्षा लोन नहीं बांट पाने में विफल रहे हैं। अभी हाल ही में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2011-12 में जिले की 80 बैंक शाखाओं ने मात्र 171 शिक्षा ऋण स्वीकृत किया, जो लक्ष्य का आधा भी नही है। लीड बैंक कार्यालय द्वारा 31 मार्च के आधार पर जारी रिपोर्ट पर गौर किया जाए तो उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की हालत सबसे खस्ता है। यूबीजीबी की 27 शाखाएं हैं। निर्धारित 150 लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 14 शिक्षा ऋण भुगतान किया गया जो नाकाफी है। रिपोर्ट से यह प्रतीत होता है कि एक शाखा ने 12 महीने में 6 लोन भी स्वीकृत नही किया। क्योंकि यूनियन बैंक आफ इंडिया का एक ब्रांच है, और 6 ऋण का लक्ष्य था, पर स्वीकृत हुआ मात्र एक। कैनरा बैंक 2 शाखा लक्ष्य- 6 स्वीकृत मात्र एक। बैंक आफ इंडिया की दोनों शाखा ने 12 महीने में निर्धारित 6 शिक्षा ऋण में से एक भी स्वीकृत करना मुनासिब नही समझा। इलाहाबाद बैंक के तीन शाखाओं को 25 लोन का लक्ष्य तो मिला, लेकिन मात्र 5 लोन ही स्वीकृत हुए।
इधर इस संबंध में एलडीएम डीके सिन्हा ने बताया कि अभी हाल के दिनों में एसबीआई ने शिविर लगाकर कुछ शिक्षा ऋण बांटे हैं। सरकार के निर्देश पर 23 जून को शिविर लगाकर शिक्षा ऋण का आवेदन लिया गया है। आगामी 7 जुलाई को भी टाउन हाल में शिविर का आयोजन होगा। इस वर्ष शत प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति होने की उम्मीद है।
वित्तीय वर्ष 2011- 12 के शिक्षा ऋण की उपलब्धि
बैंक संख्या लक्ष्य स्वीकृत भुगतान
एसबीआई 19 104 58 42
सेंट्रल बैंक 8 81 53 53
बैंक आफ बड़ौदा 8 81 25 25
यूको बैंक 6 61 13 13
इलाहाबाद बैंक 3 25 5 5
यूनाइटेड बैंक 2 12 2 2
पंजाब नेशनल बैंक 2 6 0 0
बैंक आफ इंडिया 2 6 1 1
यूनाइटेड बैंक 1 6 1 1
कैनरा बैंक 2 6 1 1
यूबीजीबी 27 150 14 14
कुल 80 544 187 171
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