Saturday, January 21, 2012

बांग्लादेश से जुड़ा है जाली नोट का नेटवर्क

फारबिसगंज(अररिया), : भारत-नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र में जाली नोटों का कारोबार करने वाला गिरोह सक्रिय है। जिसका नेटवर्क बांग्लादेश सहित अन्य देशों के भारत विरोधी तत्वों से जुड़ा है। भारतीय अर्थव्यवस्था को कमजोर करने की साजिश के बल पर पनपे इस गिरोह द्वारा बड़े पैमाने पर भारतीय नकली नोटों को खपाया जा रहा है। जिसका खुलासा सीमावर्ती इलाके में कई बार पकड़े जा चुके भारतीय जाली नोटों से हो चुका है। जोगबनी थाना क्षेत्र स्थित टप्पू टोला निवासी अशफाक आलम तथा कुर्साकांटा निवासी नूर हसन की जाली नोटों के साथ हुई गिरफ्तारी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जाली नोट का कारोबार करने वाले गिरोह का नेटवर्क कमजोर नही हुआ है। जबकि बड़ा नेटवर्क अब भी सक्रिय है। खुफिया विभाग सहित अन्य एजेंसियां इस गिरोह का कमर तोड़ने में अब तक नाकाम रही है। पिछले दिनों नूर हसन को 50 हजार के भारतीय जाली नोट के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इन गिरफ्तार अपराधियों ने पुलिस को ई चौकाने वाली जानकारियां दी है। गिरोह के सदस्य बांग्लादेश तथा नेपाल से अपनी गतिविधि संचालित कर रहे है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के अपराधियों तथा देश विरोधी तत्वों के माध्यम से जाली नोटों को खपाया जाता है। भारतीय जाली नोटों के कारोबार में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मुख्य भूमिका रहने के आरोप पहले से लगते रहे है। तीनों देशों में सक्रिय अपराधियों का सहारा लेकर भारत विरोधी मुहिम चलायी जा रही है। अररिया एसपी शिवदीप लांडे कहते हैं कि सीमावर्ती इलाके में बड़े पैमाने पर जाली नोटों का कारोबार चल रहा है जिसमें अपराधियों की संलिप्तता खुलकर सामने आयी है। ग्रामीण हाट-बाजार इसके मुख्य टारगेट में है। इन हाट-बाजारों में नकली नोटों को खपाया जा रहा है। बहरहाल सीमा पर एसएसबी सहित कई भारतीय एजेंसियों की मौजूदगी के बावजूद जाली नोट का अवैध कारोबार रूक नही रहा है।

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