Wednesday, January 18, 2012

सीमावर्ती क्षेत्र में फैल रहा जाली नोटों का कारोबार


कुर्साकांटा (अररिया) : इंडो नेपाल सीमावर्ती इलाकों में जाली नोटों का कारोबार फैलता जा रहा है। भारत विरोधी तत्व इस कारोबार को तेजी से फैलाने के लिए बेरोजगार युवकों एवं महिलाओं का सहारा ले रहे हैं जिससे बाजारों में आये दिन लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं। ग्रामीण बाजारों में खासकर 500 रुपये के नकली नोटों की भरमार है। असली और नकली नोटों में इतना बारीक अंतर होता है जिसे साधारण लोग नहीं परख पाते हैं।
जानकार सूत्रों की मानें तो सीमावर्ती भारतीय गांवों में जाली नोट नेपाल के रास्ते आते हैं। सूत्र बताते हैं कि जाली नोटों के इस कारोबार में एक बड़ा नेटवर्क अररिया, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज एवं सहरसा आदि जिलों तक फैला है।
सकारात्मक पहलू यह है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात एसएसबी के जवान असली और नकली नोटों की पहचान के बारे में लोगों को जानकारी दे रहे हैं।
एसएसबी की 28वीं बटालियन के सहायक सेनानायक विकास भल्ला ने बताया कि जाली नोटों के पहचान के संबंध में आम लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य ये समय-समय पर शिविर भी लगाये जा रहे हैं। इधर, आम लोगों द्वारा की जाने वाली चर्चा को अगर माने तो इस कारोबार में आपराधिक संगठनों व सफेदपोश लोगों का हाथ है तथा आम पुलिस उन्हें धरने में रुचि नहीं लेती।

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