Tuesday, December 13, 2011

आव्रजन कार्यालय की भूमिका पर उठे सवाल

अररिया : भारत-नेपाल की खुली अंतराष्ट्रीय सीमा पर कार्यरत प्रवजन कार्यालय की भूमिका पर सवाल खड़े हो गये हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी प्रश्न चिन्ह लग गया है। दरअसल पुलिस अधीक्षक शिवदीप लांडे के नेतृत्व में स्पेशल पुलिस टीम ने मंगलवार पैसे लेकर लोगों को अवैध रूप से सीमा पार कराने वाले एक एजेंट को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। जिससे इस अवैध कारोबार का पर्दाफाश हुआ है। यह गिरोह सीमा पर वर्षो से लोगों को अवैध रूप से बेरोक टोक सीमा पार कराते रहे हैं। और बदले में मोटी रकम वसूलते हैं। गिरफ्त में आया अशोक सिंह का स्वीकारोक्ति बयान तो और चौंकाने वाला है। उसने एसपी शिवदीप लांडे के समक्ष स्वीकार किया है कि वह आव्रजन कार्यालय में कार्यरत कर्मियों के लिए कार्य करता है। उगाही की गई रकम के सभी हिस्सेदार होते हैं। गिरफ्तार आशोक सिंह का बयान जहां आव्रजन कार्यालय को कटघरे में ला दिया है वहीं इस अवैध कारोबार के पर्दाफाश से राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर खामियां उजागर हुई है। एसपी शिवदीप लांडे ने भी स्वीकार किया कि भारत-नेपाल सी संवदेनशील सीमा पर सुरक्षा के लिए जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों की लापरवाही देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकता है।

मंगलवार को एसपी श्री लांडे ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जोगबनी से अशोक सिंह नामक व्यक्ति को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। वह नरपतगंज के कलानंद सिंह नामक व्यक्ति को पैसे लेकर बिना जांच के बार्डर पार करा रहा था। एसपी के नेतृत्व में स्पेशल पुलिस टीम ने जाल बिछाकर उसे पकड़ा। उसका शार्गिन प्रकाश नामक व्यक्ति भागने में सफल हो गया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया है कि वह पैसे लेकर लोगों को बिना जांच कराये ही सीमा पार कराता था। इससे प्राप्त आय में आव्रजन कार्यालय में कार्यरत हवलदार रवीन्द्र राम व सिपाही सुनील दत्त के साथ बटवारा करता था। प्रतिदिन इस धंधे से 15 से 20 हजार की अवैध कमाई उन्हें होती थी। दरअसल ये लोग जिस व्यक्ति के साथ होते थे उसके सामानों की जांच आव्रजन कार्यालय के अधिकारी नहीं करते थे। ऐसे में उन सामान में ड्रग्स से लेकर हथियार व और कुछ भी आसानी से पार कराया जा सकता है। इसका लाभ देश विरोधी विदेशी एजेंट की उठाने में नहीं चूकतें होंगे। जबकि इस अति संवेदनशील सीमा आतंकियों की आवाजाही, जाली नोटों की कारोबार व अन्य देश विरोधी गतिविधियों के लिए सुर्खियों में रहा है। ऐसे में सीमा पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से तैनात आव्रजन कार्यालय की भूमिका अहम होती है। किंतु गिरफ्तार एजेंट के खुलासे से यह कार्यालय कटघरे में आ गया है।

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