Saturday, December 3, 2011

एबीएम सिकटी पथ पर यातायात बाधित


सिकटी (अररिया) : सिकटी को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली एबीएम सिकटी सड़क पूरी तरह जर्जर हो गयी है तथा इस पर आवागमन बंद है। टूटे पुल व जर्जर सड़क के कारण लोगों में आक्रोश पनप रहा है।
विदित हो कि एनबीसीसी की देख रेख में बनी इस सड़क के निर्माण पर करोड़ों की राशि व्यय किये जाने के बावजूद इसपर निर्बाध आवागमन की सुविधा अब तक बहाल नही हो पायी है।
निर्माण को ले सड़क पर लगे दर्जनों शिलापट मुंह चिढ़ाते प्रतीत होते हैं तथा नेताओं के लंबे आश्वासन अब तक खोखले ही साबित हुए हैं।
कहते चलें कि यह सड़क सुरक्षा व सामरिक महत्व के कारण उत्तर बिहार की एक महत्वपूर्ण सड़क है। लेकिन इसकी जर्जर स्थिति एवं टूटे पुल के कारण इस पथ पर आवागमन की सुविधा विगत कई वर्षो से बंद है।
अगर टूटे पुलों का जिक्र किया जाय तो बैरगाछी, फरासूत कसैला, बीड़ी एवं रानीपुल स्थित ध्वस्त पुल इस सड़क की वर्तमान हालत बयां करते आज भी नजर आते है।
इस सड़क के जीर्णोद्धार के दिशा में कोई ठोस कार्य योजना अब तक सरजमीन पर नहीं उतरी है। टूटे पुल पर जोखिम भरे सफर में अब तक कई लोग दुर्घटनाग्रस्त होकर घायल हो चुके हैं। डेढुआ गांव के वीरेन्द्र यादव फरासुत पुल से नीचे गिर कर अपाहिज जैसी स्थिति में पहुंच गए हैं। जबकि मौके बेमौके सड़क दुर्घटनाओं में दर्जनों अन्य राहगीर भी जख्मी हो चुके हैं।
अगर सड़क जीर्णोद्धार के लिए विगत दस वर्षो में शिलान्यास का शिलापट पर गौर करें तो तत्कालीन रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीस, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन, तसलीमउद्दीन, पूर्व विधायक विजय कुमार मंडल, सरफराज आलम, पूर्व विधान पार्षद अजीमउद्दीन, पूर्व जिप अध्यक्ष आफताब अजीम 'पप्पू', पूर्व सांसद शुकदेव पासवान के नाम आज भी कई जगह लगे शिलापटों पर देखे जा सकते हैं। घोषणाओं व आश्वासन के नाम पर वर्तमान सांसद प्रदीप सिंह व विधायक आनंदी यादव भी पीछे नही रहे हैं। लेकिन इन प्रतिनिधियों का कोई सार्थक प्रयास इस सड़क के जीर्णोद्धार में अब तक देखने को नही मिल पाया है।
अगर इस पर होने वाले निर्माण कार्यो पर गौर करें तो इसके लिए निर्माण एजेंसी भी बराबर जिम्मेदार है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क तहत करीब चार-पांच वर्ष पूर्व प्रारंभ हुआ निर्माण कार्य अब तक अधूरा पड़ा है। जिसका प्रमाण रानीपुल से बच्चा पुल, फुटानी चौक से भूताहा तक की सड़क निर्माण काल से ही अब तक नही बनी है। लेकिन इसे देखने वाला कोई नही है। इस सड़क महत्ता सिकटी प्रखंड सहित अन्य भाग के करीब दो लाख जनता से जुड़े रहने पर भी इसके प्रति न तो प्रशासन और नही जनप्रतिनिधि कभी संवेदनशील रहे।
बहरहाल मुख्यमंत्री की संभावित सेवा यात्रा के दौरान इस सड़क समस्या के निदान के लिए हाल में ही गठित एबीएम सड़क निर्माण संघर्ष समिति डेढुआ सोहदी ने सेवानिवृत अपर समाहर्ता वीरेन्द्र नारायण राय के संयोजन में ज्ञापन देने का फैसला किया है।

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