Saturday, June 23, 2012

29 वार्ड, 72 सफाई कर्मी, फिर भी शहर बना नारकीय


अररिया : करीब पांच माह पूर्व नगर परिषद में कर्मियों की छंटनी के बाद से ही शहर की स्थिति नारकीय बन गयी है। जगह-जगह कूड़े, कचरे का अंबार, नालों से निकलते बदबूदार पानी एवं फुटपाथी दुकानों के मलबे ने शहर को प्रदूषित कर दिया है। वहीं नगर प्रशासन साफ-सफाई की दिशा में चुप्पी साधे बैठा है।
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी राकेश कुमार झा का कहना है कि सफाई कर्मियों की कमी से शहर को स्वच्छ रखने में परेशानी हो रही है, लेकिन इस कमी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
अररिया नगर परिषद में 29 वार्ड है। छंटनी के बाद भी इन वार्डो के लिए 18 स्थायी और संविदा पर बहाल 54 सफाई कर्मी कार्यरत हैं। सफाई कर्मी की मानीटरिंग के लिए एक स्थायी एवं 2 संविदा पर बहाल सफाई जमादार प्रतिनियुक्त हैं। इसके बावजूद शहर को स्वच्छ व प्रदूषण से मुक्त कराने को नप प्रशासन का दावा खोखला साबित हो रहा है। ग्रामीण इलाकों से सटे शहर में आधा दर्जन ऐसे वार्ड हैं जहां के लोगों ने आज तक किसी सफाई कर्मी को नहीं देखा है। आधा दर्जन चुनिंदा वार्डो को छोड़ दें तो अन्य की स्थिति भी बदतर ही बनी है। नगर परिषद का नव गठित बोर्ड भी साफ-सफाई से अब तक दूर ही नजर आता है।
वहीं सड़क बनने के दौरान कई जगहों पर पीएचडी द्वारा वाटर सप्लाई वाली पाईप फट गया है। फटे हुए पाइप से मार्गो पर जगह-जगह पानी जम जाती है। जिससे लोगों को आवागमन में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। विडंबना यह है कि सड़कों पर जमे पानी को नाला ढोने में नाकामयाब साबित हो रही है। अधिकांश नालों में मिट्टी जमी है। इस मिट्टी को हटाने के लिए नप प्रशासन मौन है। यही हाल चांदनी चौक से हटिया जाने वाली मार्ग का है। अतिक्रमण के शिकार इस सड़क पर जगह-जगह कचरे कब किसको गंदा कर देगा यह कहना मुश्किल है।

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