Friday, June 22, 2012

फारबिसगंज गोलीकांड की न्यायिक जांच शुरू


अररिया : फारबिसगंज के भजनपुर गोलीकांड को लेकर गठित न्यायिक आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) माधवेंद्र सरन ने गुरुवार को समाहरणालय परिसर में पीड़ितों की गवाही की सुनवाई की। इस दौरान आयोग, सरकार तथा प्रशासन की ओर से नियुक्त अधिवक्ता उपस्थित थे।
पहले दिन गोलीकांड में पीड़ित फटकन अंसारी की गवाही हुई। गोलीकांड में फटकन के पुत्र मुस्तफा की मौत हो गई थी।
सुनवाई से पूर्व न्यायमूर्ति सरन ने उपस्थित लोगों से जांच के सही निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए समुचित सहयोग करने को कहा। उन्होंने जांच प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी देते हुए विचारणीय बिंदुओं के बारे में भी बताया। इस दौरान परिसर में भारी चहल-पहल रही।
इन बिंदुओं पर होनी है जांच
सरकारी अधिसूचना के मुताबिक आयोग के सामने विचारणीय बिंदु निम्नलिखित हैं-
1. घटना की पृष्ठभूमि और उन परिस्थितियों की जांच जिनके कारण घटना घटित हुई।
2. घटनाक्रम और संबद्ध लोगों की भूमिका की जांच व उत्तरदायित्व का निर्धारण।
3. गोली चलाने के औचित्य की जांच
जांच प्रक्रिया में शामिल अधिवक्ता
आयोग के सचिव रिटायर्ड डीजे एसएम नसीमुद्दीन के अनुसार जांच प्रक्रिया में स्टेट का प्रतिनिधित्व पटना हाई कोर्ट के वरीय अधिवक्ता अखिलेश्वर प्रसाद सिंह व उनके जूनियर्स करेंगे। जबकि जिला प्रशासन की ओर से वरीय अधिवक्ता अशोक कुमार वर्मा तथा आयोग की ओर से वरीय अधिवक्ता विश्वनाथ प्रसाद सिंह और मुरारी नाथ चौधरी व अन्य का ्रप्रतिनिधित्व रहेगा।
189 लोगों ने दिया है गवाही के लिए शपथ पत्र
सेवानिवृत्त डीजे एसएम नसीमुद्दीन के अनुसार जांच प्रक्रिया तीन दिन चलेगी। छह गवाहों को सम्मन जारी हुए हैं। सारी प्रक्रिया को पूरा होने में लंबा वक्त लग सकता है। आयोग के समक्ष गवाही के लिए 189 लोगों ने शपथ पत्र दाखिल किए हैं। प्रत्येक शपथ पत्र में 20-20 लोगों के नाम हैं। सबकी गवाही होगी। पहले दिन फटकन की गवाही हुई। अगले दिन फटकन की पत्‍‌नी व एक अन्य गवाह रफीक अंसारी की गवाही होगी। तीसरे दिन तीन गवाहों को सुना जाएगा।
बाक्स:
क्या हुआ था भजनपुर में?
फारबिसगंज के भजनपुर में बियाडा की जमीन पर रास्ते को लेकर ग्रामीणों के साथ हुए विवाद में पुलिस ने गोली चलाई थी। इसमें एक बच्चे व एक महिला सहित चार ग्रामीण मारे गए थे। ग्रामीण बियाडा कैंपस में बन रही स्टार्च फैक्ट्री के निकट से रास्ते की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि वे लंबे अरसे से इसी राह से बाजार व अन्य स्थानों को जाते रहे हैं। फैक्ट्री संचालकों द्वारा इस मांग की अनसुनी करने पर वहां विवाद हुआ।

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