Thursday, June 21, 2012

प्रेम के सिंदूर से मिटा नवजात के माथे का कलंक


जोकीहाट (अररिया) : प्रेम के सिंदूर से अररिया में एक नवजात के माथे से नाजायज होने का कलंक मिट गया। मंगलवार को जोकीहाट थाने में कठोर खाकी के नीचे संवेदनाओं से भरा एक दिल दिखा। इस दिल ने एक साथ दो जिंदगियों को जीने का हक और एक नवजात को इज्जत की जिंदगी प्रदान की। एसपी शिवदीप लांडे की अनूठी पहल से एक लाचार महबूबा को सम्मान पूर्वक पत्‍‌नी का दर्जा मिल गया तथा एक मासूम को उसका वैध पिता।
एसपी ने बताया कि राशिद व रुबीना के बीच प्रेम प्रसंग का मामला कुछ वर्षो से चल रहा था। दोनों एक दूसरे से राजी खुशी शादी कर रहने को तैयार थे। लेकिन पिता के दवाब के कारण राशिद अपनी प्रेमिका रूबीना का अपनाने से इंकार करता रहा। इस बीच रूबीना ने एक नन्हीं सी बच्ची को जन्म दिया। थक हारकर रूबीना ने स्वयं के लिए पति और नवजात के लिए पिता का प्यार पाने को जोकीहाट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने भी दरियादिली दिखाते हुए राशिद को नोटिस भेज थाना बुलाया और वहां दो बिछड़े दिलों को जोड़कर निकाह की रस्म पूरी करवाई।
एसपी के आग्रह पर अझुवा गांव के मौलवी अहमद ने मटियारी के पूर्व मुखिया मो.अयूब, रूबीना की मां तथा राशिद के परिजनों के सामने निकाह की रस्म पूरी की। उसके बाद ग्रामीणों के साथ दुल्हन को मटियारी के लिए विदा किया। एसपी ने निकाह पढ़ाने वाले मौलवी को पांच सौ रुपये भी दिए। इस दौरान थाने में जोकीहाट बाजार, सिसौना, सिमरिया व आसपास के सैकड़ों लोग पहुंच गए थे। दोनों की शादी में एसडीपीओ मो. कासिम, थानाध्यक्ष टीपी सिंह, एसआई वरुण गोस्वामी, फिरोज आलम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एसपी ने कहा कि पुलिस समाजिक सरोकारों के प्रति भी संवेदनशील रहती है। इस दौर में पुलिस से लोगों की उम्मीदें काफी बढ़ गई है। लिहाजा अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के मामले में भी हम खरा उतरने का प्रयास करते हैं। पुलिस और पब्लिक संवाद के कारण ही आज रूबीना को पति और मासूम बच्चे को पिता का प्यार मिल पाया।

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