Thursday, March 3, 2011

अग्निकांड ने किया विद्यालय के सपनों को चकनाचून


रानीगंज (अररिया) : दो दशकों से भी अधिक दिनों से चल रहे शांति निकेतन आवासीय विद्यालय के लिए सोमवार की रात काल की रात बन कर आयी जिसमें विद्यालय के सपनों को हीं चकनाचूर कर दिया। अग्निकांड में दो स्कूली छात्र आलोक कुमार झा (छह वर्ष) एवं मनोरंजन यादव (सात वर्ष) की दर्दनाक मौत सभी को झकझोर दिया। रात्रि 1-15 बजे के बाद से ही स्थानीय लोग व छात्रों के अभिभावकों की भारी भीड़ विद्यालय परिसर के इर्द-गिर्द थी। इस अग्निकांड में विद्यालय परिसर में रखा गैस का एक बड़ा एवं एक छोटा सिलेंडर भी फटा जिसकी भयानक आवाज सुन दूर-दराज के लोग भी दौड़ कर घटना स्थल पर पहुंचे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हलांकि गैस सिलेंडर के फटने एवं आग के चहुंओर फैलने के पूर्व मृत बच्चे को छोड़ सभी बच्चे सुरक्षित बाहर जा चुके थे। छोटे बच्चों को बाहर लाने में बड़े छात्रों की भूमिका अहम रही। घटना के बाद छात्रों में इतने सहमे हुए थे कि कई बातें पूछने पर भी कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं थे। कई बच्चे तो अंधेरे में अपने अभिभावक के साथ भी जाने को तैयार नहीं थे।
कच्चे फूस-लकड़ी एवं उपर टीन से बने लगभग 10 कमरे जिसमें छात्रों के हास्टल थे। सभी आग में स्वाहा हो गया। बच्चों के अनुसार 15-20 मिनट के अंदर पूरा हास्टल जल गया और बच्चों के साहस का पता इसी से चलता है कि इतनी हीं देर में दो को छोड़ सभी बच्चे निकल आये। विद्यालय में क्लास रूम पश्चिम की ओर है वो भी आग की चपेट से बच नही पाया। उफरैल गांव के रंजीत कुमार ने, जो वर्ग-8 का छात्र है,बताया कि किसी छात्र का कोई भी सामान नहीं बचा है। छात्रों के शरीर पर जो कपड़े है मात्र वहीं शेष है। किताब-कापी, चप्पल-जूते सभी जल चुके है। बैरक ग्रामवासी बीरबल यादव अपने दो पुत्र प्रिंस एवं मिल्टन से मिलने सोमवार की शाम विद्यालय आये थे और स्कूल में ही रह गये थे। इस अभिवावक की भी बच्चों को बाहर निकालने में भूमिका सराहनीय रही। इस क्रम में हाथों को जख्मी कर चुके बीरबल यादव ने कहा कि भगवान की कृपा से हीं बच्चे बच पाये अन्यथा अनर्थ हो जाता। विद्यालय प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार 107 छात्रों वाले इस विद्यालय में नर्सरी से सप्तम तक की पढ़ाई होती थी तथा वर्ग 8 से 10 तक के छात्रों के लिए कोचिंग की व्यवस्था थी। घटना के कारण के संबंध में सभी ने बिजली की शार्ट सर्किट को कारण बताया है। मंगलवार की देर शाम तक बच्चों का अपने अभिभावकों के संग जाने का सिलसिला जारी रहा। पुलिस सभी घटनाक्रम पर अपनी पैनी नजर रखे हुए हैं।

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