Tuesday, August 16, 2011

17 करोड़ से अधिक सरकारी राशि की नहीं हो पा रही वसूली

अररिया : प्रशासन की शिथिलता के कारण सरकारी विभागों की करोड़ों की राशि की वसूली अधर में लटकी है। विभिन्न सरकारी विभागों के 17 करोड़ 29 लाख 99 हजार 528 रुपये छह हजार पांच सौ 33 लोगों पर बकाया है। उन लोगों के खिलाफ जिला निलाम पत्र कार्यालय से नोटिस भी निर्गत किया जा चुका है परंतु न तो उसकी वसूली हो पा रही है और न ही किसी की गिरफ्तारी। नीलाम पत्र प्रशाखा के अधिकारी नूर अहमद शिवली कहते हैं उनके कार्यालय स्तर से नोटिस जारी की जाती है लेकिन वारंट तो थानास्तर से तामिला होता है तथा कार्रवाई भी पुलिस को ही करनी है। परंतु पुलिस के स्तर से सुस्ती के कारण कई मामले लंबित हैं। वर्ष 2010 में ही 508 व्यक्तियों के विरुद्ध नीलाम पत्र प्रशाखा द्वारा अधिपत्र निर्गत किया गया पर एक भी वारंट पर आज तक कार्रवाई नही हुई। वसूली के लिए प्रशासन द्वारा कोई ठोस विकल्प नहीं ढूंढे जाने से सरकार को राजस्व को नुकसान पहुंच रहा है। जिला नीलाम पत्र कार्यालय में ऐसे कुल 6533 वाद लंबित हैं जिसमें अधिकांश मामले बैंक, परिवहन, अंचल कार्यालय व विद्युत विभाग आदि से जुड़े हैं। सिर्फ बैंकों से जुड़े 542 मामले लंबित हैं। भारतीय स्टेट बैंक का 452 मामलों में सात करोड़ 21 लाख रुपया बकाया है। जबकि बैंक आफ बड़ौदा के 50 वादों पर एक करोड़ एक लाख, पीएनबी के 29 वादों पर 61 लाख, इलाहबाद के 9 पर 13 लाख 88 हजार रुपया का सरकारी बकाया है। जबकि विद्युत विभाग के 158 वाद नीलाम पत्र में लंबित है। इस पर 53 लाख 75 हजार 229 रुपये लोगों के पास कर्ज है। जबकि डेहटी पैक्स का 7 करोड़ 37 लाख 96 हजार की राशि बकाया है। नीलाम पत्र कार्यालय में बाल विकास परियोजना से संबंधित 2, सैरात का 2, व्यवसायिक लगान के सात मामले चल रहे हैं। कुल मिलाकर नीलाम पत्र कार्यालय में 6533 वाद चल रहे हैं जिसमें 5706 सिर्फ अंचल से संबंधित है तथा 827 वाद जिला स्तर से जुड़ा है।

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