Tuesday, August 16, 2011

जश्ने आजादी, सेव बुंदिया व कमीशन


अररिया : स्वतंत्रता दिवस का उत्सव, लोगों की भागीदारी और ..की दुकान का सेव-बुंदिया। जश्ने आजादी का यह पहलू खास दिखा। इस अवसर पर सरकारी कार्यालयों में जहां कंटींजेंसी मद से व्यय किया गया, वहीं कई अन्य दफ्तरों में चंदा उगाही या आपसी सहयोग कर जश्न में होने वाले व्यय का वहन किया गया।
सदर एसडीओ डा. विनोद कुमार की मानें तो अनुमंडल व जिला कार्यालयों में राष्ट्रीय पर्व पर होने वाले व्यय आकस्मिक मद से किये गये।
वहीं, इस प्रकरण का दूसरा पहलू हाइवे पर दिख। बैरगाछी के पास कुछ जवान पंद्रह अगस्त के आयोजन के लिए चंदा उगाहते नजर आये। वहीं, सरकार ने इस बार दलित बस्तियों में झंडोत्तोलन के लिए पांच पांच सौ रुपयों की राशि दी। स्कूलों में भी आजादी की जश्न में मिठाईयां बंटी। यह बात अलग है कि कुछ भ्रष्ट लोगों ने इस मौके पर बंटने वाली मिठाई तथा आयोजनों में लगने वाले टेंट व टेबल कुर्सियों के भुगतान को भी कमीशन खाने का माध्यम बना लिया।
एक अनुमान के अनुसार इस बार गांव व शहर मिला कर तीन सौ क्विंटल से अधिक बुंदिया, जलेबी व अन्य मिठाईयां बंटी। एक सरकारी दफ्तर में बेहद स्वादिष्ट पैकेट था। पूछने पर आयोजकों ने बताया कि इसके लिए उन्होंने 'अपनी' व्यवस्था की है। आखिर आजादी के जश्न का जो सवाल है। जबकि कई कार्यालयों में बजट कुछ और व्यय कुछ और का चक्कर रहा। राष्ट्रीय पर्व में भी कमीशन खोरी।
वहीं, दलित बस्तियों में बच्चों के बीच टाफियां बंटती दिखी।

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