Thursday, January 26, 2012

केसीसी के नाम पर गरीब किसानों की होती थी हकमारी

अररिया : पुलिस कप्तान शिवदीप लांडे के नेतृत्व में लगातार दो दिनों से की जा रही छापेमारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि महतो ट्रेडर्स एवं अन्य की मिलीभगत से सरकारी करोड़ों रुपये का वारा-न्यारा किया गया है। छापामारी के पहले दिन जब एसपी ने साहेबलाल नामक व्यक्ति को हिरासत में लिया तो कई तथ्य खुलकर सामने आये। हद तो तब हो गई जब एसपी के कहने पर साहेब लाल ने एसपी के समक्ष ही उनके नाम का जमीन दस्तावेज तैयार कर दिया। फिलहाल पुलिस को फर्जी कागजात तैयार करने वाले गिरोह का पता चल गया है। गिरफ्तार साहेबलाल व आजाद नामक व्यक्ति के बयान पर ही एसपी ने मंगलवार को फिर शिमला रेस्ट हाउस के नीचे महतो ट्रेडर्स के बगल वाली दुकान में छापा मारकर लाखों रुपये के कृषि सयंत्र बरामद किये। हालांकि पुलिस इस संबंध में कुछ विस्तृत ब्यौरा देने से असमर्थता जता रही है, परंतु यह तो स्पष्ट हो गया कि दोनों दुकान के लोग मिलकर गरीब किसानों की हकमारी कर रहे थे। अब सवाल हय उठता है कि महतो ट्रेडर्स कृषि यंत्र बेचने वाली एजेंसी है, तो फिर वहां बैंकों के सादे फार्म छाप लगा हुआ सादा निकासी फार्म, केसीसी आवेदन कैसे पहुंचा। हालांकि पुलिस द्वारा किये गये कार्रवाई पर प्रशासन ने चुप्पी तोड़ी है। मंगलवार को डीएम एम. सरवणन ने इस संबंध में कहा कि इस पूरे फर्जीवाड़े में बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है। श्री सरवणन ने कहा कि डीएलसीसी की लगातार कई बैठकों में बैंक अधिकारियों से खाखावार केसीसी लाभुकों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। पर आज तक एक भी बैंक से सूची नही दी गई जो उनकी मानसिकता को दर्शाता है।

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