कुर्साकांटा (अररिया) : इन दिनों किसानों के गेहूं तैयार हो रहे हैं। खेत खलियान हर जगह थ्रेसर द्वारा गेहूं की फसल तैयार करने में लगे हैं। परंतु कम उत्पादकता को देख किसान हतप्रभ हैं। कृषि विभाग द्वारा गेहूं के अच्छे उत्पादन के लिए किसानों की प्रशिक्षण भी दिया गया। सरकारी स्तर से बीज भी उपलब्ध कराये गये परंतु उत्पादन में कमी को देखते हुए किसान हलकान हो रहे हैं।
ज्ञात हो कि गेहूं की खेती इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर की जाती है। यद्यपि किसान उत्पादन में वृद्धि लाने के हर संभव प्रयास करते हैं फिर भी समय पर बोआई नहीं कर पाने के कारण उत्पादन पर इसका प्रतिकूल असर पड़ता है। यहां गेहूं की अधिकांश हिस्से की खेती वर्षा आधारित है। सिंचाई की समुचित व्यवस्था के अभाव में खाद एवं बीज के प्रयोग एवं मात्रा के सही जानकारी का अभाव आदि ऐसे कई कारण है जिससे उत्पादन पर असर पड़ता है।
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