रानीगंज (अररिया) : हसनपुर एवं बरबन्ना रानीगंज प्रखंड के दो प्रमुख पंचायत हैं। इन दोनों पंचायत के बहुत बड़े उपजाऊ भूखंड का वजूद फरियानी नदी के लगातार कटाव के कारण खतरे में पड़ गया है। इन दोनों पंचायतों के बालू धीमा, कोरिया धार, पासवान टोला, पन्नों घाट, बड़हारा, वैजनाथपुर आदि क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ उपजाऊ को प्रत्येक वर्ष बंजर बना देने व जलेवी के मोड़ जैसा रास्ता अख्तियार करने वाली कोसी की छारन इस नदी ने सैकड़ों वर्ष से क्षेत्र को अपना चारागाह बना रखा है। अगर समय रहते नदी की धारा को नहीं मोड़ा गया तो आने वाली बारिश नदी की मुख्य धारा घनी आबादी वाले इलाके को भी अपने आगोश में ले लेगी।
नदी की धारा को मोड़ने के नाम पर कई बार हुयी है। गत दिनों कोसी में आयी प्रलयकारी बाढ़ से उफनती इस फरियानी नदी की धारा को रानीगंज बाजार घुसने से बमुश्किल से रोका गया था। तीन दशक पूर्व इस नदी का बहाव रानीगंज बाजार से दो किलोमीटर पश्चिम था। परंतु प्रतिवर्ष नदी पूरब की तरफ कटान करते-करते बाजार से महज कुछ सौ मीटर की दूरी पर पहुंच गयी है।
जामून घाट के संतोष कुमार सिंह उर्फ चुन्नू सिंह, देवनारायण यादव, दिवान टोला वासी सूटर यादव, चंदन सिंह, टुनटुन मास्टर आदि दर्जनों किसान बताते हैं कि प्रत्येक वर्ष बरसात के पहले अधिकारी आते हैं तथा इस पगली नदी को बांध धारा मोड़ने की योजना बनाते हैं परंतु बरसात के बाद ये कवायद फाइलों में खो जाती है। इस नदी के कटान से सबसे च्यादा प्रभावित कोरिया घाट एवं पासवान टोला के लोग बताते हैं कि प्रशासन अगर इस ओर इमानदारी से थोड़ा मेहनत करें तो नदी को पुराने धारा पर लाया जा सकता है इससे न सिर्फ सैकड़ों एकड़ उपजाऊ जमीन बंजर होने से बच जायेगी अपितु क्षेत्र में नदी से आने वाले बाढ़ का खतरा भी कम हो जायेगा। अवकाश प्राप्त प्रधानाचार्य कुष्णानंद सिंह उर्फ सूदे बाबू कहते हैं कि मनरेगा जैसी योजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं लेकिन इस नदी को रोकने पर कोई ध्यान नहीं दे रहा।
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