अररिया : सत संगति दुर्लभ संसारा, विनही प्रयास नही भव भंगा! अर्थात संतों के संसर्ग में एक विकारी पुरुष भी इस भव सागर को पार कर सकता है, इसके लिये प्रबल इच्छा शक्ति होनी चाहिए। उक्त सत्यवाणी रामकृष्ण सेवा आश्रम में आयोजित आठ दिवसीय रामकथा के पहले दिन रविवार को स्वामी सुधीर जी महाराज ने कही। उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि यदि लोग राम कथा का पान करें तो उन्हें नैसर्गिक अनुभव प्राप्त हो सकता है। स्वामी ने बताया कि भगवान शिव भी सती पार्वती को राम कथा का पान कराकर संपूर्ण ज्ञान का भागीदार बनाया था। स्वामी जी ने कहा कि राम कथा के सेवन से ही इस भवसागर से मुक्ति मिल सकती है।
इससे पूर्व श्रद्धालुओं ने राम नाम के धुन पर वंदना कर कथा की शुरूआत की। कथा में तबला वादक श्याम नारायण तिवारी, हारमोनियम पर राजेन्द्र जोशी, नाल पर विशाल जोशी, विरेश चन्द्र चोशी आदि ने अपने-अपने कला से श्रद्धालुओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।
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