Saturday, April 14, 2012

आब हमरो बाल बच्चा पढ़तै पब्लिक स्कूल में


अररिया : शिक्षा का अधिकार कानून को संवैधानिक स्वरूप मिल जाने व निजी स्कूलों में गरीबों के लिए किए गए प्रावधान से आम अभिभावकों में खुशी व्याप्त है।
वार्ड 23 के नैयर आलम ने बताया कि सुप्रीम का आदेश लोकतंत्र को मजबूत करेगा, क्यों कि इससे गरीबों के बच्चे भी स्तरीय शिक्षा पाने के अधिकारी हो गये हैं। यहीं के मो. याकूब अंसारी ने कहा कि बाजारी करण के दौर में समाज में अमीर व गरीब के बीच की खाई बढ़ती ही जा रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने आइना दिखा दिया है कि लोकतंत्र में विकास व शिक्षा पर सबका बराबर हक है।
मो. रियाज ने कहा कि अब भी गरीब का बच्चा भी पब्लिक स्कूल में पढ़ेगा। पब्लिक स्कूलों में गरीब छात्रों के लिए 25 फीसदी सीट आरक्षित करने पर संदीप कुमार पासवान ने कहा कि यह आदेश बेहद सराहनीय है।
वहीं, चंदन कुमार पासवान ने कहा कि अब गरीब बच्चे भी स्वर्णिम भविष्य का सपना देख सकेंगे।
वहीं, वार्ड 14 की कल्पना देवी व फूलो देवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश देश में नई क्रांति लाने में सहायक होगा। कलावती देवी ने कहा कि अब रिक्शा वाले व कूड़ा चुनने वाले के बच्चे भी बेहतर भविष्य के सपने देख पायेंगे। इससे सामाजिक बदलाव की बयार बहेगी। विजेंद्र चौधरी ने कहा कि अब गरीब का बच्चा भी डाक्टर इंजीनियर बन सकेगा।

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