Thursday, April 12, 2012

भंडारण के अभाव में बर्बाद हो रहा हजारों टन धान


अररिया : जिले में धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया कच्छप गति से चल रही है। भंडारण की स्थिति भी ठीक नहीं है। किसानों से खरीदा गया धान भंडारण के अभाव में बारिस में भींगकर सड़ रहा है। धान को सड़ने से बचाने के लिए विभागीय अधिकारी किसी भी तरह की दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। धान भंडारण में पैक्सों की स्थिति तो खराब है ही पर उससे भी दयनीय स्थिति राज्य खाद्य निगम के गोदामों की है। जिले में एक भी सेंट्रल वेयर हाउस नहीं है। इतना ही नहीं, एसएफसी व पैक्स के गोदाम भी जर्जर व खस्ताहाल बने हैं।
फारबिसगंज, नरपतगंज, रानीगंज, अररिया, जोकीहाट, सिकटी आदि प्रखंडों में क्रय किया हुआ धान राइस मिल भेजने के प्रत्याशा में सड़ रहा है। विडंबना यह है कि जिला पदाधिकारी एम सरवणन स्वयं धान अधिप्राप्ति कार्य के लिए शुरू से ही काफी सक्रिय रहे हैं। इसके बावजूद न तो एसएफसी ने अब तक न तो लक्ष्य पूरा किया है और न ही पैक्सों ने।
जिला सहकारिता पदाधिकारी संजय कुमार मंडल की माने तो पैक्सों के द्वारा जिले में अब तक 16140 एमटी धान क्रय किया गया है। इसमें 10153 एमटी धान एसएफसी को दिया जा चुका है। जानकारी के अनुसार अररिया प्रखंड के पैक्सों में 999 एमटी, भरगामा में 2616 एमटी, जोकीहाट में 269 एमटी, सिकटी में 217 एमटी, कुर्साकाटा में 843 एमटी, रानीगंज में 2723 एमटी, पलासी मे 1205 एमटी, फारबिसगंज में 3750 एमटी तथा नरपतगंज में 2543 मिट्रिक टन धान क्रय किया गया है। इसके अतिरिक्त एसएफसी के द्वारा भी 8 क्रय केंद्रों पर धान का क्रय तो हुआ है पर कार्यालय में अद्यतन रिपोर्ट ही नहीं है।
अररिया प्रखंड मुख्यालय में धान खुले बरामदा में पड़ा है। वहां न तो कोई सुरक्षा कर्मी है और न ही कोई देखने वाला। इसके अलावा बाजार समिति प्रांगण में नीचे बिना पालीथीन, शीटस बिछाये ही धान रखना विभागीय उदासीनता को दर्शाता है। जिले में कुल मिलाकर धान स्टाक व भंडारण की स्थिति ठीक नहीं है। लोग बाजार से अधिक मूल्य पर खाद्यान्न खरीदने को विवश हैं।

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