Saturday, December 10, 2011

सीमांचल बना नक्कालों की जन्नत

फारबिसगंज (अररिया) : सीमांचल का इलाका नकली सामानों के निर्माण तथा खपाने का बड़ा बाजार बनकर उभरने लगा है। खाद्य पदार्थ से लेकर सौंदर्य प्रसाधन, सीमेंट व नकली पार्टस के बड़े धंधेबाज यहां खुल कर अपने कारनामे को अंजाम देते रहे हैं।
यह बात अलग है कि समय-समय पर होने वाली प्रशासनिक कार्रवाई से इलाके में चल रहे नकली सामानों के निर्माण एवं बिक्री के गोरखधंधे को आमजनों से रूबरू होते रहे हैं। लेकिन इससे धंधेबाजों के धंधे में कोई खास गिरावट नहीं आयी है।
विगत कुछ दिनों से अररिया के पुलिस कप्तान शिवदीप लांडे के द्वारा नकली सामानों के धंधेबाजों पर की जा रही सख्त कार्रवाई के दौरान नकली वस्तुओं के बड़े कारोबारियों के चेहरे सामने आने लगे हैं। इस तरह की कार्रवाई से जहां आम लोगों में राहत है वहीं धंधेबाजों की नींद खराब होने लगी है। जानकारों की माने तो नकली खाद्य पदार्थो के प्रयोग से लोगों के सेहत पर इसका अत्यधिक हानिकारक प्रभाव पड़ता है, यही कारण है कि हाल के वर्षो में खासकर अररिया जिला क्षेत्र में पेट की परेशानी से जुड़े रोगियों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है।
गौरतबल हो कि अकेले फारबिसगंज में पिछले कुछ वर्षो के दौरान, नकली सरसों तेल, नकली सीमेंट, नकली खाद, नकली साबुन, सौंदर्य प्रशासन की वस्तुओं के नकली सामानों के निर्माण तथा बिक्री का भंडा फोड़ हो चुका है। वहीं कुछ वर्ष पहले माइको कंपनी के कर्मी द्वारा शहर की कई दुकानों में नकली मोटर पार्टस की बिक्री का भी भंडाफोड़ किया गया था। इससे पता चलता है कि सीमांचल के इलाके में नक्कालों का गोरखधंधा कितना पुराना तथा मजबूत है।

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