Monday, April 9, 2012

अंधेरे में हूं रोशनी से मिलना चाहता हूं..


अररिया : अररिया के कमलदाहा गांव में बज्म हसन के सौजन्य से शनिवार की रात आल इंडिया मुशायरे का आयोजन किया गया। मशहूर शायर जहुरूल हसन और मजहरूल कय्यूम की स्मृति में आयोजित इस मुशायरे की सदारत मशहूर शायर जुबैरूल हसन गाफिल ने की। मुशायरा से पहले मुजाकरा का आयोजन हुआ। जिसमें असरारूल हसन, कैसरूल हसन, अलहाज कमर मसूद ने दोनों शायर के जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डाला। संचालक परवेज आलम अलीग ने किया। प्रोग्राम के दूसरे सत्र में मुशायरा शुरू हुआ जो रात भर चला जिसकी सदारह शमीम अख्तर ने की। साथ ही संचालन कवि रत्‍‌न हारून रशिद गाफिल ने किया। मुशायरे का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर अरयिा के युवा एसपी शिवदीप लांडे ने किया। पुन: कलकत्ता से तशरीफ लाए शायर हबीब हाशमी ने नातिया कलाम पेश कर एक तरह मानों शमा बांध दिया। अंधेरे में हूं रोशनी से मिलना है जो मुझे भूल गया है उसी से मिलना है..
शेर पढ़कर कलकत्ता से आई शायरा रेहाना नवाब ने महाफिल में चार चांद लगा दी। हास्य कवि एरम अंसारी ने अपने कलामों से श्रोताओं को खूब हंसाया। घर में दामाद को रखकर नौकरों को हटा दिया ने खूब तालियां बटोरी।
इसके अलावा आजमगढ की कौसर परवीन, शहाबुद्दीन फैज, जाहिद रेजा बलिया, दिनेश कुमार भागलपर, अनवर इरज कटिहार, अंजनी कुमार सिन्हा, पटना से आए शायर संजय कुमार, कुंदन, भोलानाथ आलोक, अहमद हसन, दानिश, असलम हसन, कबीर उद्दीन फौजा के अलावा स्थानीय कवि एवं शायर बड़ी संख्या में मौजूद थे।

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