फारबिसगंज (अररिया) : आईएमए तथा भाषा के संयुक्त तात्वावधान में भारत सरकार द्वारा एमसीआई एक्ट एवं सीएस एक्ट में किए गए संशोधन के विरोध के पहले चरण में सोमवार को फारबिसगंज में सरकारी एवं प्राइवेट चिकित्सकों ने काला बिल्ला लगाकर चिकित्सा कार्य किया। इस क्रम में रेफरल अस्पताल में पदस्थापित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. एच के सिंह, डा. जेएन प्रसाद, डा. अजय कुमार, डा. एमपी गुप्ता, डा. शीला कुंवर, डा. अतहर, डा. एमपी गुप्ता, डा. आशुतोष कुमार, डा. रेशमा अली, डा. परमानंद दास आदि ने काला बिल्ला लगाकर विरोध दर्ज करवाया।
इस बाबत डा. अजय कुमार ने बताया कि आंदोलन का दूसरा चरण आगामी 25 जून को होगा जिसमें चिकित्सक पूरी तरह अपने काम से अलग रहेंगे। इस चरण में भी सभी सरकारी, गैर सरकारी चिकित्सकों की ओपीडी सेवा पूरी तरह बंद रहेगी। मरीजों को सिर्फ आपातकालीन सेवा ही मिल पायेगी।
उन्होंने बताया कि एमसीआई व सीएस एक्ट में सरकार द्वारा किये जा रहे संशोधन उन्हें कतई मंजूर नही हैं। वे नही चाहेंगे कि उनके कार्यो में गैर चिकित्सकीय लोगों का हस्तक्षेप हो। कहा कि संशोधन होने पर जहां एमसीआई के अध्यक्ष पद पर चिकित्सक की जगह गैर चिकित्सकों का प्रभाव होगा। जिन्हें क्लिनिक ज्ञान नही होगा। वही सीएस एक्ट के लागू होने पर सभी सरकारी, गैर सरकारी नर्सिग होम सरकार के निर्देश पर काम काज कर सकेंगे जो उन्हें मंजूर नही है।
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