Saturday, November 26, 2011

खेत में झड़ रहे पके धान, बदहाल हुए क्षेत्र के किसान


बसैटी (अररिया) : कभी बाढ़ कभी सुखाड़ तो कभी प्राकृतिक कहर यहां के किसानों को बर्बाद करते रहे हैं अब मजदूरों की कमी से किसान परेशान हैं। मजदूरों की कमी के कारण किसानों के खेतों में लगे धान की फसल पक कर खेतों में झड़ने लगे हैं। रानीगंज प्रखंड क्षेत्र में इस बार धान की अच्छी फसल हुई है किंतु मजदूरों की कमी के कारण उसकी कटनी नहीं हो पा रही है।
किसान विमल चौधरी, वासुदेव मंडल दास, मोहित लाल झा, राज किशोर यादव आदि बताते हैं कि काफी मेहनत व लागत लगाकर धान की खेती किये परंतु मजदूरों के अभाव में धान पक कर खेत में झड़ रहे हैं। गांवों के मजदूर अधिक मजदूरी की लालच में पंजाब, दिल्ली आदि स्थान में काम के लिए निकल गये हैं। गांव में अधिकांश महिला मजदूर ही बची है। उधर जो धान जैसे तैसे कटे भी हैं तो बिक्री केन्द्र नही होने के कारण बिचौलियों के हाथों औने पौने दामों में उसे बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसा लगता है कि पूंजी भी उपर न हो सकेगा। किसानों के लिये चलायी गयी कल्याणकारी योजना भी इन क्षेत्रों में मात्र छलावा साबित हो रहा है। किसानों को न तो सही कीमत पर खाद-बीज मिल रहा है और न डीजल अनुदान राशि ही आज तक मिली है। महाजन व बैंकों से कर्ज लेकर किसान खेती करते है परंतु उपजे अनाज की उचित मूल्य भी नही मिल पाता है। उपर से यह प्राकृतिक कहर व मजदूरों की समस्या। किसानों को खेती करना दिन प्रतिदिन मुश्किल होता जा रहा है।

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