Saturday, February 11, 2012

रेलकर्मियों की मिलीभगत से होती थी टिकट की ब्लैक


अररिया : नेपाल सीमा से सटे जोगबनी स्टेशन से लेकर कटिहार तक रेल कर्मियों की मिलीभगत से टिकट की ब्लैक का कार्य वर्षो से चल रहा था। इसके लिए रेल कर्मियों को रेगुलर कमीशन मिलती थी। यह खुलासा शुक्रवार को जोगबनी से धराये तीन युवकों ने शुक्रवार को पुलिस कप्तान शिवदीप लांडे के समक्ष किया है। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने युवकों के पास से रिजर्वेशन स्लिप, बड़ी संख्या में सादे टिकट, मोबाइल एवं लगभग डेढ़ हजार रूपये नगद भी बरामद किये हैं।
गिरफ्तार युवकों में जोगबनी के रोशन कुमार सिंह, राहुल आनंद एवं विराटनगर नेपाल का मनोज सोनी शामिल हैं। जबकि दो युवक भागने में सफल रहे। एसपी के समक्ष तीनों युवकों ने स्वीकार किया कि इस काले धंधे में वे लोग वर्षो से लगे थे। लेकिन उन्होंने यह कह कर सनसनी फैला दी कि ब्लैक करने के लिए रेलवे टिकट उन्हें रेल कर्मियों द्वारा ही उपलब्ध कराया जाता था। टिकट उपलब्ध होने के बाद उसे वे लोग ऊंचे दाम पर देते थे। टिकट ब्लैक करने के दौरान होने वाली आमदनी में रेल कर्मियों का कमीशन भी फिक्स रहता था। युवकों ने यह भी बताया कि इस कार्य के लिए टिकट कलक्टर से लगातार संपर्क बनाकर रखना पड़ता था। क्योंकि कभी कभी सादे टिकट पर यात्रा करने वाले यात्री को बचाये रखने के लिए उसे टीटीई की निगरानी में रखा जाता था। इसके लिए टीटीई को मोटी कमीशन का भुगतान करना पड़ता था। युवकों ने इस कार्य में संलिप्त कई रेल कर्मियों के नाम का भी खुलासा किया है।
वहीं एसपी श्री लांडे ने बताया कि टिकट ब्लैक करवाने में तीन रेलकर्मियों के नाम सामने आये हैं। अनुसंधान के बाद तीनों रेल कर्मियों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि आम लोगों को ब्लैक के कारण ही टिकट की किल्लत होती थी। ब्लैक में लगे रैकेट के सदस्य रेलकर्मियों की मिली भगत से कोटे के तमाम टिकटों का रिजर्वेशन पूर्व में ही कर लेते थे। इसके बाद उस टिकट की कालाबाजारी का कार्य शुरू होता था। मौके पर डीएसपी विकास कुमार, मो. कासिम, बदरे आलम एवं कई थानाध्यक्ष उपस्थित थे।

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