Saturday, February 11, 2012

जोगबनी में सबको स्वास्थ्य सेवा का दावा खोखला


जोगबनी(अररिया) : बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के सरकारी दावे जोगबनी में फ्लाप साबित हो रहे हैं। शहर की लगभग पचास हजार की आबादी झोला झाप के भरोसे है। झोला छाप डाक्टरों की नीम हकीमी के कारण लोगों का स्वास्थ्य बर्बाद हो रहा है। लेकिन क्षेत्र के जनप्रतिनिधि इस सबसे उदासीन बने हुए हैं।
वहीं, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अवस्थित जोगबनी का स्वास्थ्य उपकेंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। 1963 में स्थापित यह उपकेंद्र जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का शिकार आज तक यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी तब्दील नहीं हो पाया। कहा जाता है क जब क्षेत्र के जनप्रतिनिधि को ही अपने ही जनता के स्वास्थ्य की चिंता नहीं तो विभाग के लोगों को आराम ही आराम वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। पूर्व में पदस्थापित चिकित्सक डा.जेपी सिंहा के समय स्वास्थ्य उपकेंद्र की रौनक ही कुछ और थी, लेकिन उनके जाने के बाद स्वास्थ्य उपकेंद्र धीरे धीरे खुद बीमार हो गया। मौजूदा वक्त में यहां चिकित्सक कभी आते ही नहीं। जिस कारण लोगों में आक्रोश पनप रहा है। स्थानीय निवासी रामा साह, अजय साह, रमेश पासवान, राजेश साह, जीवन साह व राजकरण साह की माने तो सबको स्वास्थ्य सुविधा का नारा महज धोखा है। इससे विवश लोग झोलाछाप से आर्थिक दोहन करवाने को मजबूर हैं।
शहरवासियों ने बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया नहीं कराने की स्थिति में धरना, प्रदर्शन व यातायात जाम किया जायेगा।
इस संबंध में अररिया सिविल सर्जन डा.हुस्न आरा से जब बात की गयी तो उन्होंने अपनी अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि अगर चिकित्सक नहीं बैठते हैं तो गलत बात है। ऐसे चिकित्सकों पर कार्रवाई की जायेगी।

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