Friday, February 10, 2012

हुनर के हथियार से बेरोजगारी को हटाए: शगुफ्ता


अररिया, सू: स्वरोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में सहारा इंडिया जूट प्रोजेक्ट ने क्रांतिकारी कदम उठाते हुए जिले के बुनकरों की आर्थिक स्थिति सुधरने का बीड़ा उठाया है। इसी उद्देश्य के तहत गुरूवार को हड़ियाबाड़ा पंचायत मुख्यालय स्थित सहारा इंडिया जूट प्रोजेक्ट परिसर में एक कार्यक्रम आयोजित कर बांसबाड़ी पंचायत के समदा गांव के 12 बुनकरों को हैंडलूम मशीन प्रदान किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला परिषद अध्यक्ष शगुफ्ता अजीम, विशिष्ट अतिथि सदर एसडीओ डा. विनोद कुमार, डीसीएलआर तौकीर अकरम मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोजेक्ट हेड रानोज दास गुप्ता उर्फ मामा जी ने किया। इससे पहले कार्यक्रम का उद्घाटन भारत माता के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित व दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। मौके पर सर्वप्रथम रानोज दास गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर जिप अध्यक्ष श्रीमती अजीम ने कहा कि अररिया जैसे पिछड़े इलाके में सहारा श्री का पहल काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि सहारा ने जिले के बुनकरों की कला को आगे लाने का प्रयास किया है। स्व रोजगार की दिशा में यह क्रांतिकारी कदम है। एसडीओ डा. विनोद कुमार ने कहा कि सहारा ने बुनकरों को सहारा दिया। जिले के नाम को पूरे देश व दुनियां में आगे बढ़ाने के लिए बुनकरों को प्लेटफार्म मिला है। एसडीओ ने समदा गांव में शीघ्र ही एक ट्रांसफार्मर लगाने व सड़क निर्माण कराने का भी आश्वासन दिया। डीसीएलआर तौकीर अकरम ने बुनकरों को हर संभव प्रशासनिक सहयोग का भरोसा दिलाया।
रानोज दास गुप्ता ने कहा कि सहाराश्री सुब्रतो राय अररिया के लिए काफी सोचते हैं। उनकी इच्छा है कि अररिया के बुनकर अपने हुनर के बल पर पानीपत, भदोई को पछाड़कर अररिया का नाम रोशन करें। उन्होंने बताया कि हैंडलूम एग्रीमेंट के आधार पर दिया जा रहा है। पहले दो माह बुनकरों को एक रूपया भी नहीं दिया जायेगा। बाद में वे माहवार राशि जमा करेगे। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन सहारा के क्षेत्रीय प्रबंधक सलीम खान ने किया। मौके पर एएसएम सुजय घोष, देवयानी सेन गुप्ता, सुभाष सेन गुप्ता, अजय सेन गुप्ता, देवव्रत चौधरी, अमित सेन गुप्ता, सुबोध कुमार, संजय बाल, हड़िया पंचायत के मुखियापति मो. वारिस, सरपंच अफरोज आलम आदि मौजूद थे।
किन किन को मिला हैंडलूम गुरूवार को सहारा इंडिया जूट प्रोजेक्ट के द्वारा जूट को सामान बनाकर बेच कर आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए बांसवाड़ी पंचायत अंतर्गत समदा गांव के 12 बुनकरों को हैंडलूम मशीन दिया गया जिन्हें मशीन दिया गया उनमें शमशुल, बहारउद्दीन, जलाल, सदाकत, मो. असहाब, एकराम, फारूक, नईम, मो. बदरूल, जियाउद्दीन, जकरूल व मोईद के नाम शामिल हैं।

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