कुर्साकांटा (अररिया) : कुर्साकांटा प्रखंड क्षेत्र के गरीब एवं शिक्षित लोग तीन सौ से अधिक झोला छाप डाक्टरों से सस्ते इलाज आज भी करते है। 13 पंचायतों के लगभग पौने दो लाख के आबादी पर इन दिनों मात्र दो सरकारी चिकित्सक है। प्रखंड मुख्यालय में एक मात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र छोड़कर सभी उप स्वास्थ्य केन्द्र एवं अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्रों पर सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं को घोर अभाव है। प्रखंड क्षेत्र के सुदूर ग्रामीणों एवं गंभीर रूप से बीमार लोगों का पीएससी एक मात्र सहारा है। जहां पर्जी काटने में लंबी लाइन फिर डाक्टर तक पहुंचने के लिए दुबारा लंबी लाइन से गुजरना उनकी मजबूरी है। पोने दो लाख की आबादी पर मात्र दो चिकित्सक पीएचसी में स्थापित है। ऐसे में ग्रामीण इलाकों तक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराए जाने के दावे स्वत: खोखले साबित हो रहे हैं। बिना डिग्री धारी झोला छाप डाक्टरों का सहारा लेना इनकी मजबूरी है। ये झोला छाप चिकित्सक बेधड़क मरीजों का इलाज करने में जुटे है। नतीजा इलाज के दौरान कई मरीजों को अपने जाने से हाथ धोना पड़ा। प्रत्येक गांव में ऐसे झोला छाप डाक्टर गंभीर रूप से बीमार मरीजों के घर दिन-रात सेवा देते हैं। लोगों का कहना है कि जबतक पंचायत स्तर पर समुचित स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नही कराई जाती है तबतक झोला छाप से इलाज कराना इनकी मजबूरी बनी रहेगी। सभी उपस्वास्थ्य केन्द्र एवं अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी की नियुक्ति करना आवश्यक है। वरना लोग ऐसे ही काल कवलित होते रहेंगे।
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