अररिया : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराब की दुकानों की संख्या में कमी आने की बात भले हीं कही हो, अररिया में इसका कोई प्रभाव नही पड़ा है। बल्कि दुकान प्राप्त करने के लिये दुकानदारों में प्रतिस्पर्धा बढ़ गयी है। हाल ही में जिले के सभी दुकानों की बंदोबस्ती में उत्पाद विभाग को लाटरी से एक करोड़ की आय प्राप्त हुई है। जो आज तक के बंदोबस्त आय का रिकार्ड है। पिछले वर्ष लाटरी के माध्यम से बंदोबस्ती की प्रक्रिया संपन्न करने में 35 लाख की आय प्राप्त हुई थी जो बढ़कर इस बार तीन गुणी के करीब पहुंच गयी।
वित्तीय वर्ष 2010-11 में उत्पाद विभाग ने 17 करोड़ की आय प्राप्त की। जिले में पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी दुकानों की संख्या यथावत है। लेकिन बिक्री के कोटे में 20 से 50 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी गयी है। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी जिले में 22 देसी, 29 विदेशी व 58 कम्पोजिट शराब दुकानों की बंदोबस्ती की गयी। पिछले वर्ष देशी शराब दुकानदारों को जहां 100 लीटर शराब बेके का लक्ष्य मिला था, इस बार उन्हें 120 लीटर शराब बेचने का लक्ष्य दिया गया है। इसी प्रकार विदेशी शराब में 25 प्रतिशत एवं कंपोजिट शराब में 50 प्रतिशत की बिक्री कोटा बढ़ा दिया गया है। बिक्री में बढ़े लक्ष्य के संबंध में चांदनी चौक स्थित एक दुकानदार का कहना है कि इस बार केवल लक्ष्य की पूर्ति हो सकती है। क्योंकि पूर्व में लक्ष्य से 25 से 30 प्रतिशत की बिक्री ज्यादा होती थी लेकिन इस बार उतना लक्ष्य ही निर्धारित कर दिया गया है। इन्होंने यह भी बताया कि अररिया में शराब पीने वाली महिलाओं की संख्या कम है।
इक्के-दुक्के महिलाओं को छोड़कर शेष बिक्री पुरुष वर्ग में होती है। वहीं उत्पाद अधीक्षक डा. आनंद कुमार ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार वर्ष दर वर्ष दुकानों की संख्या में कमी की जायेगी। उन्होंने यह भी बताया कि कोटा बढ़ाने के साथ ही इस बार परचूनिये दुकानदारों पर सख्ती से लगाम लगाया जायेगा।
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