रानीगंज (अररिया) : युग पुरुषोत्तम श्री श्री ठाकुर अनुकुल चन्द्र जी के 123वें जन्मोत्सव पर आयोजित दो दिवसीय सत्संग रविवार को भक्ति भाव से संपन्न हो गया। इस अवसर पर क्षेत्र के श्रद्धालु काफी संख्या में धर्म सभा के ऋत्विकों को सुनने पधारे थे।
रविवार को सत्संग अधिवेशन के आरंभ में भजन कीर्तन के उपरांत शोभा यात्रा निकाली गयी। शोभा यात्रा के आगे-आगे श्रद्धेय ठाकुर के तैल चित्र के साथ सैकड़ों स्त्री-पुरुष नाचते-गाते नगर भ्रमण किया। इस अवसर पर लोगों ने एक दूसरे को रंग गुलाल भी लगाये। दोपहर के आनंद बाजार के उपरांत अपराह्न में धर्म सभा का आयोजन किया गया। धर्म सभा में विभिन्न जगहों से पधारे विद्वान ऋत्विक जनों ने सभा को संबोधित किया। धर्म एवं सम्प्रदाय विषय पर अपना व्याख्यान देते हुए उमेश महतो ने कहा कि मत अनेक हो सकते हैं परंतु धर्म नहीं और न ही सम्प्रदाय धर्म है। धर्म तो सबों का कल्याण करता है। ऋत्विक समीर कुमार डे ने विवाह का शब्दिक अर्थ बताते हुए कहा कि विशेष रूप से जीवन में बढ़ना ही विवाह है। राष्ट्र निर्माण एवं विश्व कल्याण के विषय पर भी विद्वत जनों ने धर्म सभा में प्रकाश डाला। सतसंग स्थल पर मेला का माहौल था। कार्यक्रम की अध्यक्षता ऋत्विक रघुवंश प्रसाद मिश्रा कर रहे थे। जबकि डा. ओम प्रकाश लाल, विजय कांत झा, पूर्णिया के विजय कांत झा आदि ने धर्म सभा में प्रवचन दिये जब कि गायक भानु दा, राजेन्द्र पूर्वे, शंकर महतो, शंभु महतो, रमेश महतो, सुरेश मंडल आदि मंच पर विराजमान थे।
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