फारबिसगंज (अररिया) : नगर निकाय चुनाव सिर पर है। पांच वर्षो तक नप के जनप्रतिनिधियों ने भी खूब वायदे किये। भरोसा दिलाया। लेकिन फारबिसगंज शहर वासियों को इन पांच वर्षो में शुद्ध पेयजल मयस्सर नही हो सका है। चुनाव जीतने के बाद भी नये जनप्रतिनिधि शहर वासियों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति करा पायेंगे तो गनीमत होगी। शहर में नये पेय जलापूर्ति प्लांट लगाने और शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के नाम पर शहरी वोटरों तथा अन्य लोगों को आश्वासन का घूंट पिलाया जाता है। बस प्यास ही नही बुझायी गई।
फिलहाल शहरवासियों को जलमिनार से गंदे पेयजल की सप्लाई की जाती है जिसका पानी पीना खतरे से खाली नही है। शहर वासियों ने भी इस गंदे पेयजल को नकारते हुए इस जल का प्रयोग वाहनों और गंदगी को साफ करने के लिये किया जाता है। पेयजल हालांकि कई बस्तियों पुरा गंदे पानी का उपयोग पीने के लिये किया जाता है। जलापूर्ति की पाइप लाइन जमीन के नीचे कई जगह टूट चुका है जिससे पाइप का पानी भी दूषित हो जाता है।
शहर में शुद्ध पेय जलापूर्ति के लिए नगर परिषद की अनुशंसा के आधार पर पीएचइडी द्वारा नया और बड़ा जल मीनार स्थापित किये जाने की योजना है। जमीन के नीचे नई पाइप लाइन भी बिछानी है। लौह निष्कासन संयंत्र के सहारे शुद्ध पेयजल का करोड़ो रुपये की लागत वाला प्लांट लगाया जाना है। जिसका आश्वासन नगर परिषद प्रशासन तथा जनप्रतिनिधि के द्वारा पांच वर्षो तक शहर वासियों को दिया जाता रहा। सप्लाई के गंदे पानी के सहारे नप प्रशासन ने शुद्ध पेयजल के नाम पर लाखों रुपया टैक्स की भी वसूली की। टैक्स लेने के बावजूद सुविधा मुहैया नही कराया गया। स्थानीय निवासी दिवाकर, अमित, राजेश, शिव कुमार सहित कई शहरवासियों ने पेयजल सहित कई अन्य प्रकार के टैक्स भी वसूले गये लेकिन न तो शुद्ध पेयजल मिला और न ही अन्य सुविधाएं। मिला तो बस आश्वासन।
बहरहाल चुनाव के मौसम में शुद्ध पेयजल की याद एक फिर प्रत्याशियों की समस्या बढ़ा सकता है।
0 comments:
Post a Comment