Friday, April 20, 2012

खुली सीमा बनी राष्ट्रविरोधी शक्तियों की शरणस्थली


जोगबनी (अररिया), : भारत-नेपाल खुली सीमा राष्ट्रविरोधी शक्तियों की शरणस्थली बन गयी है। जिससे हथियार, ड्रग्स व मानव व्यापार के मुख्य केन्द्र बना हुआ है। इतना ही नही ऐसे तत्वों द्वारा नोमेंस लैंड को अतिक्रमित कर इन अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे है। सीमा क्षेत्र में बढ़ते इन अवैध कारोबार पर दोनों देश (भारत-नेपाल) के प्रशासन ने भी चिंता जाहिर करते हुए स्वीकारा है कि अपराधी अपराध कर सीमा पार कर जाते है।
भारत-नेपाल खुली सीमा होने के कारण यहां राष्ट्र विरोधी तत्वों के हौसले काफी बुलंद है। गत वर्ष नेपाल भंसार के पास नेपाल पुलिस द्वारा मोटर साइकिल सहित एक युवक को पिस्टल व दो मैगजीन के साथ गिरफ्तारी, एसएसबी ने 50 हजार के भारतीय जाली नोटों के साथ युवक का पकड़ा जाना तथा हाल के महीनों में 6 वर्षीय बच्चों के शरीर से भारी मात्रा में नशीली दवा का बरामद होना इस बात को बल प्रदान करता है कि सीमा क्षेत्र में किस तरह से राष्ट्र विरोधी तत्वों को नेटवर्क कार्य कर रहा है। इन तत्वों द्वारा सीमा क्षेत्र के सीधे व गरीब युवक व युवती को इन कार्यो में लगा बखूबी अंजाम दे रहे है। चूंकि ऐसे तत्वों पर सफेद पोश के कथित संरक्षण प्राप्त होने के कारण पुलिस बेबस हो जाती है।
सनद रहे इन सीमा का प्रयोग करते 5 अफगानी एवं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्या का साजिश करता सिमरनजीत सिंह मान पकड़े गये थे इतना ही नही हाल के वर्षो में नेपाल के रास्ते भारतीय क्षेत्रों में जोगबनी के रास्ते प्रवेश करते मिर्जा खान को पूर्णिया में गिरफ्तार किया गया था। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत-नेपाल का यह सीमा जोगबनी कितना संवेदनशील है।

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