फारबिसगंज (अररिया) : इंद्रधनुष साहित्य परिषद के तत्वावधान में सुप्रसिद्ध कवयित्री महादेवी वर्मा की जयंती समारोहपूर्वक अयोजित की गई। द्विजदेनी मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. कमला प्रसाद बेखबर ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ उपस्थित साहित्यकार एवं साहित्य प्रेमियों द्वारा महादेवी वर्मा के तैल चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के साथ हुआ। फिर उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए प्रो. बेखबर, उमाकांत दास, मांगन मिश्र मार्तड एवं एमएल शर्मा ने बताया कि महादेवी जी का जन्म उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद में 26 मार्च 1907 को हुआ था। उन्होंने 1933 में इलाहाबाद वि. विद्यालय से संस्कृत में एमए पास किया। वहीं इंदू कुमारी, हेमंत यादव शशि, कृष्ण सिंह और डा. जगदीश लाल मंडल ने उनकी कृतियों रश्मि, दीपशिखा व पथ के साथी पर चर्चा करते हुए उन्हें आधुनिक युग की मीरा बताया। जबकि विनोद कुमार तिवारी ने कहा कि महादेवी ने सन 1956 में साहित्यकार संसद की स्थापना की भी और साहित्य सेवा के लिए पद्म भूषण, पद्म विभूषण और यामा काव्य ग्रंथ के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजी गई। समारोह में कृत्यानंद राय, शशिकांत सिंह, महेन्द्र झा, बिहारी झा, राज नारायण प्रसाद, सुभाष डे, भुवनेश्वर लाल दास, धीरेन्द्र कुमार, शिव नारायण चौधरी, श्री वास सिंह जयकांत झा आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में संयोजक मनोज तिवारी थे।
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कवयित्री महादेवी वर्मा जयंती समारोह के मौके पर राम लाल उच्च विद्यालय, हरिपुर डाक के छ: छात्रों को पुरस्कृत किया गया। इन छात्रों मदन, सुभाष, अमित, अमरजीत, राकेश और नवल किशोर को प्रहसन में उत्कृष्ट अभिनय के लिए द्विजदेनी चेतना समिति के सौजन्य से पुरस्कार प्रदान किया गया।
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