Sunday, April 3, 2011

नाच उठा शहर व झूम उठे गांव



फारबिसगंज(अररिया) : यह जुनून का चरम था। धौनी के विजयी छक्के के साथ पूरा शहर, गांव झूम उठा। पटाखों की लड़ी चौक चौराहों पर फूटने लगा। क्या युवा, क्या बच्चे, बूढ़े और क्या महिलाएं सभी की खुशी देखते नहीं बनती थी। चिल्लाहटों की उस शोर से मिलकर विजयी हुंकार के एकल स्वर में बदल गयी। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में शनिवार की देर संध्या क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में श्रीलंका पर भारत की छह विकेट से जीत ने फारबिसगंज में क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लिया। खुशी इतनी कि कई आंखे छलक उठी तो कई खुशी के मारे सड़क पर ही नाचने गाने लगे। घरों में टीवी सेट से चिपके क्रिकेट प्रेमी सड़कों पर निकल आये। सभी एक दूसरे से लिपट गये। शहर के बस पड़ाव तथा द्विजदेनी मैदान मं खुले आसमान के नीचे विशाल पर्दे पर प्रोजेक्टर के माध्यम से मैच का प्रसारण हो रहा था जहां क्रिकेट प्रेमियों की बड़ी भीड़ मैच देखने के लिए जमा थी। हरेक चौके छक्के पर डीजे की धुन गुंजने लगती और दर्शक नाचने झूमने लगते। एक एक रन और चौकों छक्कों पर पटाखों की लड़ी फुटने लगती। भारत की जीत के बाद तो पूरा शहर में जश्न मनने लगा। सड़कों पर भीड़ के साथ मोटरसाइकिल सवार धूम मचाने लगे। हिंदुस्तान जिंदाबाद, इंडिया इंडिया, जीत लिया, हरा दिया, इंडिया इज ग्रेट, धोनी युवराज जिंदाबाद, इंकलाब जिंदाबाद जैसे नारों से शहर की सड़कें गांव गलियां गुंजने लगी। शहर में देर संध्या महिलाएं सड़कों पर निकलकर नाचने झूमने लगी। सब क्रिकेट की विश्वकप जीत में मस्त हो गये। देर रात तक शहर में जीत के स्वर लहरी गूंजती रही।

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