Sunday, April 3, 2011

रेणु का साहित्य संसार अद्भुत: उषा गागुली


रेणुग्राम (अररिया) : विश्व रंगमंच दिवस के मौके पर पूर्णिया में नाट्य मंचन को ले पहुंची कलकत्ता की प्रसिद्ध नाट्य संस्था रंगकर्मी की निर्देशिका प्रो. ऊषा गांगुली ने शुक्रवार को रेणुगांव हिगना औराही पहुंच कर रेणु के परिजनों से मुलाकात की तथा रेणु के साहित्य संसार का दर्शन किया।
इस दौरान प्रो. गांगुली ने पत्रकारों को बताया कि रेणुजी की लेखनी, कहानियां और आंचलिक भाषा में जादुई स्पर्श है। उनके शब्दों, किस्सों के पात्र जीवंत हैं तथा उनके इर्द गिर्द घूमते रहते थे। उनकी भाषा में जादू है। उन्होंने कहा कि देश विदेश घुमने के बावजूद रेणु जी के गांव में अद्भुत लग रहा है। रेणु का साहित्य संसार भी अद्भुत है। यहां आना बड़ा अच्छा लगा।
रेणु जी की चर्चा करते हुए प्रो.गांगुली ने बताया कि वे कलकत्ता विश्वविद्यालय में जब प्रोफेसर थी तो छात्रों को रेणु जी की कहानी पढ़ाती थी। इसलिए उनके साहित्य संसार से व्यक्तिगत जुड़ाव है। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि वे जर्मनी, अमेरिका के न्युजर्सी, न्युयार्क तथा वाशिंगटन के अलावा बांग्ला देश के ढाका आदि सहित कई देशों में नाटक का शो कर चुकी हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें रुदाली, मैय्यत, लोक कथा, गांव-गुटबा आदि नाटकों के मंचन से खूब प्रसिद्धि मिली। उन्होंने बताया कि जर्मनी में काशीनामा नामक नाटक का पांच शो किया। इस पर फिल्म भी बन रही है।
अब उनका इरादा रेणुगांव में भी नाटक शो करने का है। रेणुगांव भ्रमण में उनके साथ भरत नाट्य कला केन्द्र पूर्णिया के सचिव उमेश आदित्य, निर्देशक मिथिलेश राय, रुबी, रंजना, गुड़िया, रामबाबू, सूमन, अमित, शशिकांत, रमन आदि रंगकर्मी भी मौजूद थे।

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