Tuesday, April 5, 2011

जर्मनी की टीम ने किया बहारबाड़ी ऊर्जा संयंत्र का निरीक्षण


अररिया : जर्मनी की एक उच्च स्तरीय टीम ने सोमवार को अररिया जिले में देसी पावर के सौजन्य से कार्यरत गैर पारंपरिक ऊर्जा संयंत्रों को निरीक्षण किया। इस टीम में जर्मन सरकार, विनराक इंटरनेशनल, केएफडब्लु बैंक तथा नाबार्ड के प्रतिनिधि शामिल थे। इस टीम ने जोकीहाट के बहरबाड़ी, भेभड़ा तथा अररिया के गैयारी में देसी पावर के प्रोजेक्ट स्थल का भ्रमण किया तथा संस्था के प्रयास की सराहना की।
इस दल में जर्मनी सरकार के प्रतिनिधि राल्फ विरविंस्की, आर्थिक समन्वय के प्रमुख बंर्ड डंसलैफ, केएफडब्लु नई दिल्ली से रामना रेड्डी, , मुंबई से आये नाबार्ड के प्रबंधक सचिन कांबले व रमा संपत,देसी पावर के निदेशक बुल्लु शरण, सत्येंद्र शरण, नाबार्ड के डीडीएम एसके झा आदि शामिल थे।
बाद में नाबार्ड के प्रतिनिधियों तथा जर्मन दल के अधिकारियों ने देसी पावर के माडल को फंडिंग करने व अन्य विंदुओं को ले देसी पावर के कार्यालय में देर तक समीक्षात्मक बैठक की।
साइडस्टोरी
1.
देसी पावर का माडल अनुकरणीय : सिंलिंग
जर्मनी के केएफडब्लु डेवलपमेंट बैंक, फ्रैंकफर्ट के वरीय प्रोजेक्ट मैनेजर जैन सिलिंग ने सोमवार को देसी पावर के कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता के दौरान
बताया कि बिजली प्राप्त करने के लिये देसी पावर का माडल अच्छा है तथा आने वाले दिनों में इस माडल का अनुकरण कर ऊर्जा संकट को दूर किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि देसी पावर द्वारा बायोमास के उपयोग से गैसीफायर चलाया जाता है, जिससे पावर जेनरेशन के साथ पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलती है। यह जलवायु की रक्षा करता है तथा कम मात्रा में कार्बन डाई आक्साइड उत्सर्जन करता है। श्री सिलिंग ने बताया कि बहारबाड़ी उपक्रम सफल प्रतीत होता है। आने वाले दिनों में इस प्रकार के संयंत्रों का विस्तार कर भारत के गांवों में 'ग्रीन पावर' के उपयोग से ऊर्जा संकट दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की संस्थाओं को वित्तीय मदद देने पर विचार किया जा रहा है तथा इसी क्रम में वे मंगलवार को पटना में ब्रेडा व बिहार सरकार के मंत्री व अधिकारी से मुलाकात करेंगे। जबकि रामन रेड्डी ने बताया कि बहारबाड़ी की योजना ऐसी है कि इसे हर गांव में लगाया जा सकता है। क्योंकि इससे पावर के साथ साथ आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलता है।
वहीं, मौके पर मौजूद देसी पावर के निदेशक बुल्लु शरण ने इस बात पर खुशी जताई कि जर्मनी के दल ने उनके उपक्रम को सही व अनुकरणीय पाया है।

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