जोगबनी (अररिया) : नेपाल में संविधान का निर्माण बड़ी चुनौती है। संविधान निर्माण से देश में शांति व कानून व्यवस्था सुचारु होगी तथा दलितों व कमजोर तबकों को नयी ताकत मिलेगी। लेकिन देश में कुछ ऐसी ताकतें हैं जो नहीं चाहती कि संविधान निर्माण हो। इसके लिए वे साजिश रच कर सरकार को गिरा देती है। उपरोक्त बातें नेपाल के उप प्रधानमंत्री सह मधेशी जन अधिकार फोरम के अध्यक्ष उपेन्द्र यादव ने दूरभाष पर जागरण को एक खास बातचीत में कही।
उन्होंने कहा कि संविधान निर्माण की अंतिम तिथि जेठ 14 गते काफी नजदीक है। इस अवधि के भीतर संविधान निर्माण का कार्य पूर्ण नही हो सकता लेकिन इसका खाका जरूर तैयार हो सकता है इसके लिए राष्ट्रीय हित को देखते हुए सभी पार्टियों को राष्ट्रीय स्तर पर आम सहमति बनानी होगी।
श्री यादव ने कहा कि निश्चित अवधि में संविधान निर्माण का खाका तैयार कर इसकी समयावधि कुछ दिनों के लिए बढ़ायी जा सकती है ताकि संविधान निर्माण के विस्तृत कार्य को पूरा किया जा सके।
उन्होंने कहा कि संविधान निर्माण से सबसे बड़ी ताकत किसान मजदूर और दलितों को मिलेगी जो अब तक शोषित होते आ रहे हैं। सत्ता के गलियारे में शोषक के रूप में ताकतवर लोग ऐसे तबके का शोषण करते आये हैं और वे ही संविधान निर्माण में बाधक हैं, क्योंकि संविधान निर्माण से संघीयता व समावेशी के साथ देश को एक दिशा प्रदान होगी। इसीलिए अगर नेपाल को प्रगति के पथ पर ले जाना है तो संविधान निर्माण को चुनौती के रूप में लेना ही होगा। क्योंकि संविधान निर्माण नही होने से देश अनिश्चितता के भंवर में चला जायेगा।
एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि सैनिक तंत्र को छोड़ अब माओवादी भी शांति व संविधान में रूचि ले रहे हैं।
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