Saturday, May 7, 2011

बच्चों ने लिया चरित्र निर्माण का संकल्प


फारबिसगंज(अररिया) : पांडव बाल मंच ने शनिवार को अनूठे ढंग से मातृ दिवस मनाया। इस अवसर पर मंच के सदस्यों ने सर्वप्रथम स्वतंत्रता सेनानी की विधवा प्रमिला देवी का चरण पखार कर उनका आशीर्वाद लिया। फिर लाजपत राय समर की रचना 'मां शांति का शिविर' का पाठ किया। साथ ही महर्षि वेद व्यास की अमृत वाणी माता के तुल्य कोई छात्रा नहीं सहारा नही, प्रिय नहीं से स्वयं को अनुप्राणित किया।
नन्हें बच्चों ने अपने संस्कार और चरित्र निर्माण हेतु संकल्प लिया ताकि अनुशासित और शिष्ट रह कर राष्ट्र निर्माता बन सके। इस मौके पर विनोद कुमार तिवारी ने बच्चों को बताया कि मां का प्रेम नि: स्वार्थ होता है, इसलिए मां को शांति का शिविर कहा जाता है। उन्होंने महान कवि नीरज की कविता मां ही गंगा, मां ही यमुना, मां ही तीरथ धाम, माता सर पर हाथ जो तेरा, क्या ईश्वर का काम बच्चों को सुनाकर उन्हें प्रेरित किया। बाल मंच में अभिनव, आंसू, कुणाल, अंकित और मनीष शामिल थे।

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