Saturday, May 19, 2012

जिले में चल रहा दवा का काला कारोबार


अररिया : जिले में दवा का काला कारोबार फल-फूल रहा है। जिला मुख्यालय के कुछ बड़े दवा कारोबारी इस काले कारोबार का विस्तार देने में जुटे हैं। सीमा पार नशे के सौदागरों की सांठ-गांठ बाद यह काला कारोबार तेजी से फैल रहा है। एसएसबी कमांडेंट नशे के इस कारोबार की बात बताते हैं।
पड़ोसी देश नेपाल में नशे के लिए कई दवाइयों का इस्तेमाल नशेड़ियों द्वारा किया जाता है। नेपाल में चिन्हित ड्रग की बढ़ती मांग को देखते हुए नशे के सौदागरों ने इसे अपना धंधा बना लिया है। नशे के सौदागरों की सांठगांठ से सीमावर्ती जिले अररिया में दवा के सफेद कारोबार को काला बनाने में जुटे हैं कई कारोबारी। नशे के इस काले कारोबार से हर साल सैंकड़ों युवक-युवतियों की मौत नेपाल में हो रही है। मंगलवार को एसएसबी ने नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाइयों के साथ एक नेपाली युवक को पकड़ा गया। एसएसबी ने उक्त युवक की शिनाख्त पर फारबिसगंज की एक दवा दुकान पर छापेमारी भी की। बताया जाता है कि दवा दुकानदारों द्वारा नशे के सौदागरों को नशे के विकल्प के तौर पर उपयोग में आने वाली दवाईयां बेची जाती है।
इन दवाओं की है नेपाल में डिमांड
नेपाल में ड्रग एडिक्ट युवक-युवतियों के बीच कोरेक्स, फोटबिन सुई, स्पासमो प्रोक्सीवान की खासी डिमांड है। ज्ञात हो कि कोरेक्स नामक सीरफ का चिकित्सक सर्दी-जुकाम में उपयोग की सलाह देते हैं। भारतीय बाजार में इसकी कीमत 66 रुपये के आसपास होती है। जबकि इसी दवा की कीमत नेपाल में 140-150 रुपये हो जाती है। इसी प्रकार स्पासमो प्रोक्सीवान टेबलेट की कीमत भारत में दो रुपये और नेपाल में यह सात से दस रुपये में नशे के लिए बिकता है।
दुगुने फायदे के लिए सौदागरों को बेचते हैं दवा
इन दवाओं में दुगना और तिगुना फायदा देख दवा विक्रेता नशे के सौदागरों को ये बेचते हैं। बताते हैं कि जिले के कुछ बड़े दवा कारोबारी हर माह भारी मात्रा में ये दवाएं मंगा रहे हैं। दवा विक्रेता इसे दलालों को देते हैं और फिर दलाल मौका पाते ही इसे नेपाल पहुंचा रहे हैं।
कहते हैं अधिकारी
एसएसबी के कमांडेंट एकेसी सिंह बताते हैं कि दवा के इस काले कारोबार से नेपाल के युवा बर्बाद हो रहे हैं। इंडो-नेपाल बैठक में नेपाल के अधिकारियों द्वारा यह मुद्दा उठाये जाने के बाद एसएसबी इस पर नजर रख रही है। बिना चिकित्सकीय सलाह के इसे बेचने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। श्री सिंह ने दावा किया कि पहले के मुकाबले इस धंधे में गिरावट आयी है।

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