Sunday, November 13, 2011

जंगल में नाचेंगे तीतर, लौटेगी हरियाली


अररिया : कुसियारगांव के जंगलों में अब फिर से तीतर नाचेंगे। यहां अब हरियाली लौटने लगी है। वन विभाग द्वारा लगाए गए सखुआ के पेड़ यहां तेजी से पनप रहे हैं। यहां बता दें कि कुसियारगांव व आजमनगर का संरक्षित वन क्षेत्र अपने सघन जंगलों व काले तीतरों के लिए प्रसिद्ध था। तस्करों द्वारा पेड़ काट लिए जाने के कारण यह क्षेत्र वनविहीन हो गया था। लकड़हारे खुलेआम सखुआ, शीशम, अकेसिया आदि के पेड़ काटते थे। जंगल से चोरी छिपे काटी गई लकड़ियों को ट्रेन के रास्ते कटिहार व जोगबनी तक ले जाया जाता था। जंगल से लाखों बांस के पेड़ भी काट कर बेच डाले गए। इस मुद्दे को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद वन विभाग हरकत में आया तथा विगत एक साल से जंगल बचाने के उपायों पर अमल होने लगा। अब वन क्षेत्र में हरियाली एक बार फिर नजर आने लगी है।
इस संबंध में नये डीएफओ रणवीर सिंह ने बताया कि उन्होंने वन को पुनस्र्थापित करने के लिए जरूरी कदम उठाए। इसके तहत पूरे वन क्षेत्र को ट्रैक्टर से जोतवा कर छोटे-छोटे रिज बनाए गए और जगह जगह पौधारोपण भी किया गया। वन क्षेत्र की जुताई का फायदा यह हुआ कि सखुआ व शीशम जैसे वृक्षों के ठूंठ से हजारों की संख्या में नये पौधे उभर कर सामने आए हैं और जंगल एक बार फिर हरा-भरा दिखने लगा है।
वहीं, रेंजर जेके सिंह तथा वनपाल हेमचंद्र मिश्रा ने बताया कि कुसियारगांव वन क्षेत्र के फेंस व आसपास एनएच तट पर बीस हजार नये पौधे लगाए गए हैं। इससे फॉरेस्ट एरिया व वन्य जीवन समृद्ध होगा। और पौधे लगाने की भी योजना है।

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