Friday, November 18, 2011

बेलगाम टेंपू चालक सड़कों पर बांट रहे मौत


अररिया : नियंत्रित स्पीड से कोई मतलब नहीं, हरवक्त परिवहन नियमों का उल्लंघन तथा नीचे से ऊपर तक पैसेंजर लोड करना इनकी खासियत है।
यह दास्तान अररिया जिले की सड़कों पर बेलगाम रफ्तार में दौड़ते तिनपहिया वाहनों की है, जो कहीं भी उलट जाते हैं।
इतना ही नहीं सड़क पर चलते तिनपहियों के बगल से गुजरना भी खतरनाक है। क्या पता कब ठोकर मार दे।
विगत एक वर्ष के आंकड़ों पर गौर करें तो ये बेलगाम वाहन सौ से अधिक बार पलटे हैं। जिसमें साढे तीन दर्जन से अधिक मौत व तीन सौ से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। दोपहिया व चौपहिया वाहनों से जुड़ी घटनाओं को जोड़ दें तो आंकड़ा और आगे चला जायेगा।
अररिया के जिला परिवहन पदाधिकारी सदन लाल जमादार का कहना है कि टेंपू को चालक के अलावा तीन या पांच सवारी बैठाने का परमिट होता है। उसी तरह बड़े टेंपू के लिए 1 प्लस सात का। लेकिन वास्तविकता क्या है, यह किसी भी वक्त व कहीं भी देखा जा सकता है।
अररिया में नगर परिषद के ठीक आगे टेंपू पड़ाव है। नगर परिषद, थाना व प्रशासन की नाक के नीचे ओवर लोडिंग होती है। लेकिन जबाबदेह अधिकारी कुछ बोलते तक नहीं।
आप किसी भी बस स्टैंड में चले जाइए बस, सवारी, जीप, सूमो, मैजिक, टेंपू, सबकी छत पर भेंड़ बकरी की तरह सवारियों को बैठाया जाता है। कोई बोलने या देखने वाला तक नहीं। प्रशासन को हर बस स्टेंड से बंधी रकम कर के रूप में मिलती है, पर यात्रियों की सुविधा के नाम पर अधिकारी खोंखी तक नहीं करते।

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