Tuesday, November 15, 2011

फारबिसगंज रेलवे स्टेशन उपेक्षा का शिकार


फारबिसगंज (अररिया) : फारबिसगंज रेलवे स्टेशन पर बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। इससे रेल यात्रियों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। जबकि पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे अंतर्गत कटिहार-जोगबनी रेल खंड का फारबिसगंज एक महत्वपूर्ण जंक्शन है। लेकिन फारबिसगंज में बड़ी लाईन के आरंभ के समय से ही यात्री सुविधाओं का घोर अभाव रहा है। जबकि इस रेलवे स्टेशन से विभाग को राजस्व की काफी अच्छी आमद होती रही है।
यदि असुविधा की चर्चा की जाय तो सबसे पहले सफाई का मुद्दा उभर कर सामने आता है। स्टेशन परिसर, सभी प्लेट फार्म तथा रेलवे ट्रेक पर हमेशा गंदगी पसरी रहती है। वहीं प्लेटफार्म पर बनी यात्री शेड की लंबाई कम होने के कारण खासकर गर्मी और बरसात के मौसम में यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं प्लेटफार्म पर शुद्ध पेयजल आपूर्ति की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को प्यास बुझाने में समस्या होती है। उसी तरह अत्यधिक भीड़ वाले इस महत्वपूर्ण स्टेशन पर मात्र एक पीआरएस तथा साधारण टिकट काउंटरों की संख्या कम रहने का खामियाजा भी यात्रियों को ही भुगतना पड़ता है।
इस संदर्भ में मंडल रेल सलाहकार समिति के सदस्य विनोद सरावगी का कहना है कि यात्रियों की भीड़ तथा राजस्व उगाही के मामले में एक महत्वपूर्ण स्टेशन होने के बावजूद फारबिसगंज हमेशा से उपेक्षित रही है। श्री सरावगी के अनुसार फारबिसगंज स्टेशन पर पैसेंजर एवं एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव यहां मात्र दो मिनट का है। जबकि यात्रियों के अत्यधिक भीड़ के कारण इस अल्पावधि में ट्रेनों में चढ़ने-उतरने में एक अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जिसका फायदा जेब कतरे एवं असमाजिक तत्व उठाते हैं। उसी प्रकार प्लेटफार्म पर कोच इंडिकेटर बोर्ड नहीं लगे रहने के चलते भी कौन सा कोच कहां रूकेगी, यात्रियों का इसका जानकारी नही हो पाती। फलस्वरूप गाड़ी आने के बाद भागदौड़ मच जाती है। वहीं राकांपा नेता मनोज कुमार जायसवाल, व्यवसायी अरविंद गोयल, प्रदीप अग्रवाल आदि ने बताया कि सीमांचल एक्सप्रेस और चितपुर एक्सप्रेस में लगने वाली बदहाल कोच के कारण भी यात्रियों को समस्या होती है।

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