Friday, November 18, 2011

भक्ति का सर्वोत्कृष्ट आधार है प्रभु दर्शन: कपिल देवानंद जी



पलासी (अररिया) : शुक्रवार को दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के सौजन्य से प्रखंड मुख्यालय स्थित डाक बंगला प्रांगण में रामचरित मानस तथा गीता पर जारी पांच दिवसीय प्रवचन के चौथे दिन स्वामी कपिल देवानंद जी महाराज ने भक्ति के महात्म्य पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रभु दर्शन के बिना भक्ति आरंभ नही हो सकती। जिस प्रकार सांसारिक संबंध स्थापित करने के लिए एक पक्ष को दूसरे पक्ष को पुरी जानकारी लेनी पड़ती है। एक पक्ष अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर किसी के बहकावे पर दूसरे पक्ष से संबंध नही जोड़ता है। ठीक उसी प्रकार अध्यात्म की राह पर चल रहे लोगों के लिए यह आवश्यक है कि प्रभु के राह पर चलने से पूर्व प्रभु की जानकारी दर्शन की विस्तृत जानकारी से ही संभव है। जो संतगुरु की महती अनुकंपा के छाया में रहकर ही प्राप्त किया जा सकता है। प्रभु की भक्ति का आधार विश्वास है न कि लकीर का फकीर बनना। विश्वास का आधार परिचय अथवा दर्शन है। अतएव प्रभु दर्शन के बिना प्रभु भक्ति का शुभारंभ हो ही नही सकता है। इस क्रम में साध्वी दीपा भारती व साध्वी सुजाता भारती ने भी भक्ति महात्म्य के संबंध में जानकारी दी। जिसमें हजारों श्रद्धालु गोते लगाते रहे।

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