Wednesday, November 10, 2010

सीआरसी से कैश बुक, चेक बुक सहित कई महत्वपूर्ण कागजात गायब

अररिया। पलासी प्रखंड क्षेत्रान्तर्गत मध्य विद्यालय सह संकुल संसाधन केन्द्र कुम्हिया के कार्यालय से पिछले दो माह से कैश बुक, लेजर बुक, चेक बुक सहित कई महत्वपूर्ण कागजात गायब हैं। संकुल संचालक सह मवि कुम्हिया के प्रधानाध्यापक मो. हसीबुर्रहमान ने इसके पीछे गबन की साजिश होने की आशंका व्यक्त करते हुए सीआरसी समन्वयक को कटघरे में खड़ा किया है तथा जिला शिक्षा अधीक्षक को लिखित सूचना दी है। आश्चर्य तो यह है कि जानकारी के बावजूद निलंबित आरोपी समन्वयक को अधिकारियों ने निलंबन मुक्त कर दिया है। जबकि सीआरसी संचालक ने पलासी बीईओ को इस संबंध में पूर्व में लिखित सूचना दी थी बावजूद उनके द्वारा अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है।
सीआरसी संचालक ने कागजात गायब करने का आरोप सीआरसी समन्वयक कमल किशोर भौमिक पर लगाया है। इस आशय का एक पत्र श्री रहमान ने सोमवार को जिला शिक्षा अधीक्षक को भी सौंपा है। बताया जाता है कि कार्यालय को कागजात का मामला मालूम होने के बावजूद अचानक सीआरसी समन्वयक को निलंबन मुक्त कर दिया गया।
इस संबंध में मु. हसीबुर्रहमान ने बताया कि पांच सितम्बर एवं 17 सितम्बर को पत्र देकर भौमिक से कागजात प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इसके बाद पांच अक्टूबर को पलासी बीईओ के नाम पत्र लिखकर पूरे मामले से अवगत करा दिया। सोमवार को डीएसई कार्यालय में दिए गए आवेदन पर गौर किया जाए तो इससे साफ जाहिर हो रहा है कि सीआरसी आफिस से चेक बुक, बैंक पासबुक, लेजर बुक, कैश बुक अब तक का उपयोगिता प्रमाण पत्र कार्यालय से डेढ़-दो माह से गायब है। मवि के हेडमास्टर का यह भी कहना है कि श्री भौमिक के घर पर ही सीआरसी कार्यालय संचालित होता है, जबकि श्री भौमिक ने दूरभाष पर इस आरोप को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि सीआरसी से संबंधित कागजात संचालक को देखने का अधिकार नहीं है। उन्होंने दबी जुबान से घर पर कागजात रहने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि कार्यालय लायक कागजात सीआरसी में ही है।
इधर, डीएसई द्वारा श्री भौमिक को निलंबन मुक्त करने पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। जिस एमडीएम प्रभारी पदाधिकारी के प्रतिवेदन पर डीएस के आदेश के बाद डीएसई ने सीआरसी समन्वयक को निलंबित किया था। उसी एमडीएम पदाधिकारी ने श्री भौमिक के निलंबन मुक्त करने की अनुशंसा पर डीएसई ने डीएम को बिना अवगत कराए उन्हें निलंबन से मुक्त कर दिया। वो भी तब जब समन्वयक पर सीआरसी के महत्वपूर्ण कागजात गायब करने का आरोप लगा है। इस संबंध में डीएसई अहसन ने बताया कि एमडीएम पदाधिकारी मामले के जांच पदाधिकारी थे, उनके प्रतिवेदन के आधार पर भौमिक को विभागीय कार्रवाई केअधीन रखते हुए निलंबन मुक्त किया गया है।

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