अररिया, जासं: ऊर्जा के स्रोत, जीवन और दर्शन के साक्षात देवता भगवान भास्कर और छठी मैया की पूजा-अर्चना के शुरू होते ही व्रतियों की आराधना के साथ खरीददारी के लिए भीड़ उमड़ पड़ी है। वहीं व्यापारियों द्वारा धर्म और आस्था के विरुद्ध शोषण का सिलसिला भी जारी है।
शहर में मिलावटी सामानों की बिक्री भी धड़ल्ले से हो रही है। वहीं शुद्ध घी साढ़े तीन सौ रुपये प्रति किलो। छठ पर्व में लगने वाला केला, नारियल, मूली, सुथनी, सिंघारा, सकरकंद, मिश्रीकंद आदि के मूल्य गत वर्ष से दोगुणा है। आये दिन 12 से 15 रुपये बिकने वाला सिंगापुरी केला 30 से 40 रुपये दर्जन बेचे जा रहे हैं। यूं कहे की महंगाई की मार छठ पर्व भी देखने को मिल रहा है। इधर, जनप्रतिनिधियों तथा मूल्य नियंत्रक के मौन धार आम जनता को भीतर ही भीतर रुला रहा है। आस्था का पर्व पर मोल भाव, लूट खसोट और शोषण भक्ति में रोड़े अटका रहे हैं। बहरहाल, व्यवस्था के साथ प्रशासन शांतिपूर्ण पर्व मनाए जाने की दिशा में सजग दिख रहा है।
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