Thursday, November 11, 2010

त्वरित न्याय की दिशा में एक और कदम

अररिया, विसं.: जस्टिस डिलेड, जस्टिस डिनायड..। यानि न्याय मिलने में देर हुई तो समझ लीजिए न्याय से वंचित हुए। इसी परिपेक्ष्य में त्वरित न्याय के लिए माननीय हाई कोर्ट, पटना ने राज्य के सभी सेशन डिविजन में संध्याकालीन कोर्ट शुरू किये जाने का निर्देश जारी किया है। यह कोर्ट सभी जिलों में 15 नवम्बर से प्रारंभ हो रहा है। इस आशय का नोटिफिकेशन हाई कोर्ट द्वारा जारी कर दिया गया है जहां लंबित मामले का शीघ्र निष्पादन किया जायेगा।
विदित हो कि इसके लिए भारत सरकार द्वारा 13वीं वित्त आयोग के माध्यम से विभिन्न वित्तीय सहयोग देना है। जिसकी सूचना बिहार सरकार के विधि विभाग को जारी किया गया है। इसी आलोक में माननीय हाई कोर्ट ने संध्याकालीन कोर्ट प्रारंभ करने की अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत यह कोर्ट मूर्त रूप में आयेगा। जिसकी कार्यावधि पांच बजे से संध्या सात बजे तक की होगी। मात्र दो घंटे चलने वाले इस कोर्ट के संचालन के लिए कोर्ट में पदस्थापित जूनियर डिविजन के न्यायिक दंडाधिकारी कार्य करेंगे, जिन्हें उक्त कोर्ट के संचालन के लिए एक स्टेनोग्राफर, एक-एक बेंच एवं आफिस क्लर्क समेत दो चपरासी सहायता के लिए रहेंगे। साथ ही उक्त अधिसूचना के तहत इस कोर्ट में कार्य करने वाले अधिकारी एवं सहयोगीगण को उनके मूल वेतन का 25 प्रतिशत तथा महंगाई भत्ता का भुगतान होगा।
माननीय हाई कोर्ट ने दंप्रस की धारा 11 के सब सेक्सन तीन के तहत इस कोर्ट में कार्य करने वाले जूनियर डिविजन के न्यायिक दंडाधिकारी को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी का अधिकार भी किया है। संध्याकालीन कोर्ट में मोटर ह्वेकिन एक्ट से संबंधित मामले, एन.आई. एक्टर 1881 की धारा 138, मुनिसिपल एक्स, माप-तौल विभाग के विधि, फूड एडलट्रेशन एक्ट, आवश्यक वस्तु अधिनियम, सोप एवं इस्टाब्लिसमेंट एक्ट, भादवि के वैसे धाराओं का केस संचालन होगा, जिसमें आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में नहीं लिया जा सकेगा। इस कोर्ट में संधि योग्य धाराओं की सुनवाई की जाएगी। वहीं दीवानी के वैसे मामले जो 50 हजार से कम की दावा राशि के होंगे उसकी भी सुनवाई इस अदालत में होगी।

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